Diwali के बाजार में Mitti Ka Lakshmi Ganesh, कुबेर थैली, गोबर का दीया, गोइठा, पीतल के शंख जैसे देसी प्रोडक्ट, चाइनीज उत्पादों का हो रहा बहिष्कार
Diwali 2020, Date, Tithi, Timing, Mitti Ka Lakshmi Ganesh, Kubera Thaili, Gobar Ka Diya, Goitha, Pital Ka Shankha, Chinese Products Bycott: धनतेरस के मौके पर पहली बार मार्केट में पीतल का शंख पेश किया गया है. यह शंख लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है. लोग पहली नजर में देख यह पूछ रहे है कि क्या यह शंख बजता भी है क्या? जी हां यह शंख प्रकृतिक शंख की तरह की बजता है. इसी तरह गोबर का दीया और गोइठा भी बाजार में पहली बार देखा जा रहा है. लोग भी इसे काफी पसंद कर रहे है.
Diwali 2020, Date, Tithi, Timing, Mitti Ka Lakshmi Ganesh, Kubera Thaili, Gobar Ka Diya, Goitha, Pital Ka Shankha, Chinese Products Bycott: धनतेरस के मौके पर पहली बार मार्केट में पीतल का शंख पेश किया गया है. यह शंख लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है. लोग पहली नजर में देख यह पूछ रहे है कि क्या यह शंख बजता भी है क्या? जी हां यह शंख प्रकृतिक शंख की तरह की बजता है. इसी तरह गोबर का दीया और गोइठा भी बाजार में पहली बार देखा जा रहा है. लोग भी इसे काफी पसंद कर रहे है.
चाइनीज उत्पाद के बहिष्कार के इस दिवाली के मौके पर देखने को मिल रहा है. बाजार में चाइनीज उत्पाद न के बारबार दिख रहे है. यहीं कारण है कि इस बार मेक इन इंडिया के उत्पाद लोगों की पहली पसंद बनकर उभरा है. जहां तक कीमत का सवाल है तो बहुत का अंतर नहीं है. दिवाली को लेकर बाजार अभी से सजने लगे हैं. लोग कोरोना संक्रमण और भीड़-भाड़ से बचने के लिए पूजन सामग्री का एडवांस बुकिंग करा रहे है.
दुकानदारों की मानें तो पूजन सामग्री की कीमत में पिछले साल की तुलना मे 20 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. साथ ही मिट्टी और पीतल की मूर्तियां भी महंगी हो गयी है. विधि-विधान से लक्ष्मी- गणेश पूजन के लिए पूजन सामग्री का कीट 350 रुपये में उपलब्ध हैं. काली हल्दी 15 रुपये, मोती शंख 50 रुपये, एकाक्षी 51 रुपये, धान की वाली 50 रुपये प्रति पीस में उपलब्ध हैं.
कदमकुआं स्थित श्रीपूजा भंडार के सतीश कुमार ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना संक्रमण के कारण पूजन सामग्रियों की कीमत में 20 फीसदी तक बढ़ी है. उन्होंने बताया कि पहली बार बाजार में पीतल का शंख बाजार में आया है. यह नारायणी शंख की तरह है. इसकी कीमत 6500 रुपये है. लोग इसके काफी पसंद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के भय के कारण लोग पूजन सामग्री और अन्य वस्तुओं की एडवांस बुकिंग करा रहे हैं. पहले यह चलन नहीं था.
मधुर मोतिसाह पूजा वाला के प्रमुख संतोष कुमार ने बताया किइस बार बाजार में मेक इन इंडिया उत्पाद को लोग काफी पसंद कर रहे है. मिट्टी के अलावा पहली बार दिपावली के मौके पर बांस का लाइटिंग लैंप बाजार आया है. ये उत्पाद मुख्य रूप से कोलकाता, दिल्ली, मथुरा, मुरादाबाद के हैं. राजस्थान से पहली बार गोबर का दीया और गोइठा आया है. पांच पीस का पैकेट की कीमत 20 रुपये है. वहीं दीेये की कीमत पांच से दस रुपये प्रति पीस है.
कीमत एक नजर में (प्रति पीस)
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गोमती चक्र- 5-10 रुपये
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लघु नारियल – 10 रुपये
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एकांक्षी नारियल – 51 रुपये
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काला कौड़ी – 10 रुपये
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चित्ती कौड़ी- 5 रुपये
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काली हल्दी – 15 रुपये
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मोती शंख – 50 रुपये
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धान की बाली- 50 रुपये
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मिट्टी का लक्ष्मी- गणेश- 50 – 3 हजार रुपये
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पीतल की मूर्ति- 400- 3500 रुपये
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कुबेर की मूर्ति- 200- 500 रुपये
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लकड़ी का उल्लू- 100 रुपये
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तोरण द्वार- 300- 3000 रुपये
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कुबेर थैली- 10 से 150 रुपये
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सिंहासन – 200- 600
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चामर- 150 से 1000 रुपये
इस बार बाजार में मेक इन इंडिया उत्पाद को तरजीह दे रही है, क्योंकि यह मेड इन चाइना की तुलना में सस्ता और गुणवत्ता से पूर्ण है. हर भारतीय को मेक इन इंडिया उत्पाद खरीदन से इससे जुड़ लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा.
– सुषमा देवी, ग्राहक
वैसे इस बार पूजन साम्रगी की कीमत में इजाफा देखा जा रहा है. कोरोना संक्रमण और भीड़भाड़ से बचने के लिए एडवांस बुकिंग कर रही हूं. गोबर का दीया और गोइठा देख हैरान हूं.
– सुरभि सिन्हा, ग्राहक
इस बार बाजार से चाइनीज उत्पाद पूरी तरह गायब हो गया है. इसके जगह मेक इन इंडिया आइटम को बेचने में विशेष रुचि है. इन उत्पाद को बेच गौरव महसूस कर रहा हूं. लाइटिंग से लेकर मूर्ति तक मेक इंडिया है.
– सुंतोष कुमार, दुकानदार
यह सच है कि कोरोरा संक्रमण के कारण पूजन साम्रग्री के साथ अन्य आइटम के कीमतों में कुछ इजाफा हुआ है. लेकिन आस्था पर उसका खास असर नहीं है. कुछ पूजन सामग्री ऐसा है जिसका प्रयोग बंगाल मे होता है. उसे उपलब्ध कराया गया है.
– शिव कुमार, दुकानदार