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Diwali 2024: पटना के बाजारों में छाए रंगीन दिये और स्वास्तिक कैंडल, खूब बिके लावा-फरही और चीनी के हाथी-घोड़े

Diwali 2024: आज दीप पर्व है. यानी, प्रकाश का उत्सव. जगमगाती रोशनी का यह पर्व, महज हमारे घर के अंधेरे को ही दूर करने का नहीं, बल्कि हमारे अंदर के अंधकार को भी प्रकाश में बदलने का पर्व है. इसे लेकर राजधानी में हर तरफ उत्साह और उल्लास का माहौल है. शहर रंगीन-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा है. बुधवार को दुकानों में देर रात तक चहल-पहल रही. लोगों ने पूजन सामग्री से लेकर मोमबत्ती, दीये, ग्रीन पटाखे, मिठाइयां, मिट्टी के खिलौने, घरौंदा आदि की जमकर खरीदारी की.  

Diwali 2024: कार्तिक कृष्ण अमावस्या में गुरुवार को प्रदोष व रात्रि व्यापिनी अमावस्या में दीपावली मनायी जायेगी. आज सनातन धर्मावलंबी अपने घर, ऑफिस, कारखानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना कर धन, वैभव, ऐश्वर्य की कामना करेंगे. दीपावली पर शुभ-लाभ के लिए गणेश-लक्ष्मी के साथ कोष वृद्धि के लिए कुबेर व सरस्वती, पंचदेव, नवग्रह सहित गणेश-अंबिका का विधिवत पूजन होगा. आचार्य राकेश झा ने बताया कि कार्तिक कृष्ण प्रदोष व्यापिनी अमावस्या में आज चित्रा नक्षत्र व प्रीति योग के सुयोग में दीपावली मनायी जायेगी.  

मिट्टी के दीपक जलाना होगा शुभ

झा ने बताया कि दीपावली में मिट्टी के दीपक जलाना चाहिए. पंच तत्वों के मिश्रण से बना यह दीपक आध्यात्मिक मायने में बहुत ही पवित्र होता है. इसमें जल तत्व का मिश्रण कर आकाश के नीचे वायु तत्व में इसे सुखाकर अग्नि तत्व में पकाया जाता है. मिट्टी के दीपक जलाने से शौर्य व पराक्रम में वृद्धि होती है. आज देवी लक्ष्मी की पूजा में दीपक जलाने से धन-संपदा, ऐश्वर्य, मानसिक शांति, उन्नति होती है.  

खूब बिके लावा- फरही व चीनी के हाथी – घोड़े

फरही,लावा व चीनी मिठाई का भी दीपावली में खास महत्व है. दीपावली के दिन फरही, धान का लावा व चीनी मिठाई पूजा के पास रखी जाती है. इसलिए लोगों ने लावा-फरही व चीनी की मिठाई, बुंदिया व लड्डू की भी खरीदारी की. इसके अलावा लोगों ने लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी की मूर्ति, आकर्षक दीये, टेराकोटा के खिलौने व रंग-बिरंगी मोमबत्ती की भी खरीदारी की. कदम कुआं, नाला रोड, चिरैयाटाड़, कंकड़बाग, मीठापुर, ठाकुरबाड़ी रोड, न्यू मार्केट, बेली रोड, कुर्जी, दीघा, राजीव नगर, बोरिंग रोड, पटेलनगर, पाटलिपुत्र कॉलोनी सहित इलाके में देर रात तक चहल-पहल रही. बाजार में लावा 150-200 रुपये व फरही 80 से 100 रुपये प्रति किलो की दर पर बिक रहा है. वहीं चीनी मिठाई 150- 200 रुपये प्रति किलो तक बिका.  

दीया 100-500 रुपये प्रति सैकड़ा

बाजार में मिट्टी के सादे दीये के अलावा रंगीन दीये की भी अच्छी खासी मांग रही. जो 100 रुपये, 200, 400 और 500 रुपये प्रति सैकड़ा तक बिका. खरीदारी कर रहे लोगों ने कहा कि दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाना हमारी परंपरा और संस्कृति से जुड़ा हुआ है. लाइट की झालर तो सभी जगह लगायी जाती हैं, लेकिन दीपावली पर मिट्टी के दीये ही घर में जलाना शुभ माना गया है. साथ ही मिट्टी के दीये और मिट्टी के बने सामान खरीदने से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी लाभ होता है.  

लोगों ने निकाला यम का दिया

बुधवार को लोगों ने छोटी दीपावली सेलिब्रेट किया. शाम को यम देव की पूजा की. इस दिन शाम को एक सरसों के तेल से कुछ छोटे तो और एक बड़ा चौमुखी दिया जलाया जाता है. जिसे घर के कोने कोने में घुमाने के बाद दरवाजे की चौखट के बाहर रखा जाता हैं. मान्यता है कि यमराज के लिए दिया जलाने से अकाल मृत्यु तक टल जाती है. कहा जाता है दीपक को जलाने के बाद दरवाजे को बंद कर देना चाहिए, फिर सुबह बहते हुए जल में उसे प्रवाहित कर दें.

फूल और आम पल्लव की रही मांग

सजावट के लिए फूल, केला थम्म के साथ-साथ आम के पल्लव की भी काफी मांग रही. बाजार में पश्चिम बंगाल, बेंगलुरु और दिल्ली से फूल मंगाय गये थे. फूल में सबसे अधिक मांग गेंदा फूल के माला का रहा. गेंदा फूल का माला 300 से 500 रुपये प्रति कोरी बिका. हार्डिग पार्क के पास फूल बचे रहे निरंजन महतो ने बताया कि कमल का फूल 10 रुपये से लेकर 30 रुपये प्रति पीस बिका. वहीं केला का थम्म 200-600 रुपये प्रति जोड़ा बिका.

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लोगों ने खरीदा रेडीमेड घरौंदा

दीपावली पर घरौंदा बनाये जाने की परंपरा सदियों पुरानी है. मान्यता है कि यह सुख, समृद्धि का प्रतीक है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीराम जब चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे तो उनके आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने अपने-अपने घरों में दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. लोगों ने यह माना कि अयोध्या नगरी उनके आगमन से एक बार फिर बस गयी है. इसी परंपरा के कारण घरौंदा बनाकर उसे सजाने का प्रचलन है. इसलिए लोगों ने रेडीमेड घरौंदा की खरीदारी की.

बंदनवार, रंगोली व लाइटिंग स्वास्तिक भी बिके

इस बार नयी आइटम में स्वास्तिक कैंडल और लक्ष्मी चरण वाले दीये के साथ मिट्टी से बनी घंटी, लटकन, बंदनवार, फ्लावर व मैजिक दीया लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा. स्वास्तिक कैंडेल 150 से 250, लक्ष्मी चरण वाला दीये 50 रुपये जोड़ी, मिट्टी की घंटी 50 से 150 रुपये तक में बिका. शोपीस वाले मैजिक, लटकन व फ्लावर दीये 50 से 250 रुपये तक बिक रहे हैं.  

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लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:11-11:55 बजे तक
  • चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: सुबह 10:09-दोपहर 02:20 बजे तक
  • स्थिर लग्न: दोपहर 01:33-शाम 03:04 बजे तक
  • शुभ योग मुहूर्त: शाम 03:44- शाम तक 05:08 बजे तक
  • प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 05:08 – रात्रि 08:32 बजे तक
  • गृहस्थों के लिए मुहूर्त: शाम 06:11- रात्रि 08:08 बजे तक
  • कर्क लग्न: रात्रि 10:08-12:26 बजे तक
  • सिंह लग्न: मध्यरात्रि 12:39 – 02:53 बजे तक

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