Patna News: पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की और उनका निपटारा किया. सुनवाई में फुलवारीशरीफ के सीओ को गलत जमाबंदी करने और बिक्रम के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा) को मनरेगा योजना में अनियमितता बरतने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. डीडीसी को बिक्रम के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा) पर लगे आरोपों की जांच कर 13 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में रिपोर्ट देने को कहा गया.
सीओ पर गलत जमाबंदी करने का आरोप
फुलवारीशरीफ अंचल के कोरजी गांव के सूरज कुमार ने डीएम से शिकायत की कि फुलवारीशरीफ सीओ ने भू-माफियाओं से मिलीभगत कर गलत जमाबंदी कर उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. सुनवाई के दौरान डीएम ने पाया कि सीओ इस मामले में पूरी तरह से मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं. सीओ के पास आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद अवैध जमाबंदी कर दी गई और आदेश में उल्लेख किया गया कि इस व्यक्ति ने केवाला के माध्यम से जमीन बेचकर जमीन हासिल की है. शिकायतकर्ता ने डीएम को बताया कि जिस व्यक्ति ने जमीन बेची है, उसकी मृत्यु 30 वर्ष पूर्व हो चुकी है. इस पर डीएम ने कहा कि केवाला और जमाबंदी के माध्यम से जमीन की रसीद की जांच की जरूरत है.
फुलवारीशरीफ सीओ ने सुनवाई में कहा कि गलत तरीके से किये गये जमाबंदी के म्यूटेशन को रद्द करने के लिए अंचल स्तर से 10 दिन पूर्व डीसीएलआर कोर्ट में अपील दायर की गयी है. डीएम ने कहा कि जुलाई माह से यह मामला सीओ स्तर पर लंबित है. सीओ की कार्यशैली घोर आपत्तिजनक है. उन्होंने सीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पटना सदर डीसीएलआर को इस मामले में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. सुनवाई की अगली तिथि 27 दिसंबर है.
पौधारोपण के लिए रिश्वत मांगने का आरोप
डीएम के समक्ष बिक्रम प्रखंड के बाघाओके गांव के दीपक कुमार ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा) बिक्रम पर निजी जमीन पर मनमाने तरीके से पेड़ लगाने, योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं करने, रिश्वत मांगने, अनावश्यक रूप से दोबारा शपथ पत्र भरवाने तथा वर्तमान व्यवसाय व पेशे के बारे में पूछने का आरोप लगाया. डीएम ने सुनवाई में पाया कि प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा इस मामले में मनमाने ढ़ंग से कार्य किया जा रहा है. शपथ-पत्र, व्यवसाय आदि के बारे में जांच सहित सम्पूर्ण प्रक्रिया शुरू में ही पूरी कर ली जानी चाहिए थी.
दीपक कुमार ने 5 मार्च 2024 को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पालीगंज के समक्ष परिवाद दायर किया था. लगभग आठ माह की अवधि बीत जाने के बाद भी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा नियमानुसार कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. लोक शिकायत के मामले में असंवेदनशीलता एवं विलंब के कारण प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा) बिक्रम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. डीएम ने डीडीसी को आरोपों की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा.
Also Read : Bihar News: विधानसभा सत्र के दौरान तीन लेयर की होगी सिक्योरिटी, CCTV कैमरों से होगी निगरानी
Also Read : Bihar By Election Result: बेलागंज में 34 वर्षों का किला हुआ ध्वस्त, NDA को पहली बार मिली जीत