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Patna News : दो दिन डिजिटल अरेस्ट कर डॉक्टर से 74 लाख रुपये ठगे

साइबर शातिरों ने इडी के अधिकारी बन कर एनएमसीएच के एक रिटायर्ड डॉक्टर को दो दिनों तक एक होटल में डिजिटल अरेस्ट रखा. इसके बाद गहने गिरवी रखवा कर उनसे 74 लाख रुपये की ठगी कर ली.

संवाददाता, पटना : साइबर शातिरों ने इडी के अधिकारी बन कर एनएमसीएच के एक रिटायर्ड डॉक्टर को दो दिनों तक एक होटल में डिजिटल अरेस्ट रखा. इसके बाद गहने गिरवी रखवा कर उनसे 74 लाख रुपये की ठगी कर ली. इस संबंध में सहरसा के रहने वाले डॉक्टर ने साइबर थाने में अज्ञात शातिर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. मामला छह दिसंबर का है. रिटायर्ड डॉक्टर को दो दिनों तक पटना के एक होटल के एक कमरे में डिजिटल अरेस्ट रखा गया. साइबर अपराधियों ने खुद को इडी का अधिकारी बताया और कहा कि आप आय से अधिक संपत्ति मामले में फंस गये हैं. इतना ही नहीं, वाट्सएप पर उन्हें गिरफ्तारी वारंट भेज कर डरा दिया. डॉक्टर इतना डर गये कि उन्होंने बचने के लिए गहने गिरवी रख कर 74 लाख रुपये ठगों को दे दिये. जब उन्हें एहसास हुआ कि वे साइबर फ्रॉड के शिकार हो गये हैं, तब छह दिसंबर को पटना साइबर थाना पहुंचे और शिकायत की. साइबर थाने के डीएसपी ने बताया कि प्राथमिक दर्ज कर ली गयी है.

पहले मुंबई बुलाया, फिर पटना के होटल में आने को कहा :

घटना के वक्त रिटायर्ड डॉक्टर सहरसा में थे. इसी दौरान अनजान नंबर से उन्हें कॉल आया. कॉल करने वाले ने कहा कि मैं इडी का अधिकारी बोल रहा हूं. आपके पास आय से अधिक संपत्ति है. आपके खिलाफ जांच शुरू हो गयी. आपको मुंबई आना होगा, नहीं तो आपके घर पर इडी की टीम पहुंचेगी और गिरफ्तार कर अपने साथ ले जायेगी.मुंबई आने की बात सुन डॉक्टर घबरा गये. उन्होंने कहा कि सर…मैं तो मुंबई नहीं आ सकता हूं. बुजुर्ग हूं. इस पर शातिर ने उनसे कहा कि आप पटना आइए और एक होटल में कमरा लीजिए. वहां पर हमारे अधिकारी आप से बात करेंगे और पूछताछ करने पहुंचेंगे. इसके बाद रिटायर्ड डॉक्टर सहरसा से ट्रेन के जरिये पटना पहुंचे और यहां होटल में कमरा बुक कर रहने लगे.

पटना के एक होटल में पहुंचते ही कर लिया डिजिटल अरेस्ट :

होटल में जाने के बाद शातिर ने सबसे पहले उन्हें वीडियो कॉल किया. कॉल करने वाला शातिर वर्दी पहने हुए था. उसने दो-तीन लोगों से बात भी करायी. कहा कि ये लोग पटना में इडी के अधिकारी हैं. आप पर नजर बनाये हुए हैं. आपने वहां से भागने की कोशिश की या मोबाइल बंद हुआ, तो आपको गिरफ्तार कर लेंगे. डॉक्टर ने बताया कि दो दिनों में मैं मानसिक रूप से पूरी डिस्टर्ब रहा. डराने के लिए उसने वाट्सएप पर सुप्रीम कोर्ट के कई सारे डाक्यूमेंट्स, थाना और इडी से संबंधित कागजात भेजे. डॉक्टर से शातिरों ने उनके खाते की पूरी जानकारी मांगी. इस पर डॉक्टर ने कहा कि खाते में पैसे काफी कम हैं. फिर उन्होंने बैंक के लॉकर में रखे सोने के बारे में बताया. शातिर ने उनसे कहा कि आपके पास जितने सोना है, उसे गिरवी रखिए. आपको पूरा पैसा इडी द्वारा दिये गये खाते में भेजना होगा. पूरी जांच के बाद यह पैसा लौटा दिया जायेगा. आपके रुपये ब्लैकमनी के नहीं होंगे, तो एनओसी दे दिया जायेगा. शातिरों के कहने पर रिटायर्ड डॉक्टर ने लॉकर में रखे सारे गहने को गिरवी रख दिया. इसके बाद पूरा पैसा शातिरों के खाते में आरटीजीएस कर दिया. पैसा आने के बाद शातिर ने उन्हें फर्जी एनओसी पेपर भी भेज दिया. हैरत की बात यह कि रिटायर्ड डॉक्टर आरटीजीएस कराने के लिए बैंक भी गये थे. इस दौरान भी शातिर उन्हें वीडियो कॉल पर रखे हुए थे. डॉक्टर ने ये सारी बातें अपने परिचितों को बतायी, तब उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ.

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