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कैंपस : एनटीए ने कहा पटना पुलिस को डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध कराये थे, जांच में पूरा सहयोग करेंगे

जवाब मांगने के बाद और नीट यूजी के रिजल्ट की जांच को लेकर बनी कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही एनटीए ने एक विस्तृत एफएक्यू जारी किया है

-फिर से पेपर लीक होने से एनटीए ने किया इंकार

-शीर्ष 100 उम्मीदवारों में देश के 17 राज्यों के 55 शहरों से, इसमें 73 सीबीएसइ बोर्ड के, शेष 27 विभिन्न राज्य बोर्डों से हैं.संवाददाता, पटना

नीट यूजी रिजल्ट में धांधली के आरोप लगाये जा रहे हैं. परीक्षा रद्द करने को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट में काफी संख्या में परीक्षा रद्द करने को लेकर याचिका दायर की गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा है. जवाब मांगने के बाद और नीट यूजी के रिजल्ट की जांच को लेकर बनी कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही एनटीए ने एक विस्तृत एफएक्यू जारी किया है. एनटीए ने इसमें एक बार फिर पेपर लीक से इन्कार करते हुए 37 प्रश्नों के जवाब दिये हैं. बिहार और गोधरा में नीट का पेपर लीक होने से जुड़े प्रश्न पर एनटीए ने कहा है कि किसी भी रिपोर्ट में पेपर लीक होने के सबूत नहीं हैं. यहां के सभी मामले चीटिंग या असल अभ्यर्थी की जगह बैठकर किसी और के एग्जाम देने से जुड़े हैं. इन केसों की जांच जारी है. नतीजों का इंतजार है. एनटीए ने कहा कि उसके अपने सिक्योरिटी प्रोटोकॉल और एसओपी हैं, जिसमें पाया गया है कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है. एफएक्यू में एनटीए ने कहा कि उसने हाल ही में पटना पुलिस को कुछ डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध कराये थे. वह जांच एजेंसियों का जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. इस मामले की चल रही जांच के नतीजों का इंतजार है, किसी भी पेपर लीक की घटना नहीं हुई है. एनटीए ने इसमें यह भी कहा है कि जो टाइ ब्रेकिंग क्राइटेरिया 2023 में अपनाया गया था, बिल्कुल वही 2024 में भी अपनाया गया है.

रिजल्ट एक माह के भीतर ही जारी किये जाते रहे हैं

रिजल्ट की घोषणा पूर्व निर्धारित तिथि 14 जून से 10 दिन पहले यानी चार जून को लोकसभा चुनावों के नतीजे घोषित करने के दौरान जारी किये जाने को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया. एजेंसी की तरफ से कहा गया कि परीक्षा चाहे सीबीटी मोड में ऑनलाइन हो या पेन-पेपर मोड में ऑफलाइन हो, नतीजों की घोषणा एक माह के भीतर जारी किये जाते रहे हैं.

एफएक्यू में एनटीए ने और क्या-क्या कहा

सवाई माधोपुर के परीक्षा केंद्र पर क्या हुआ था?

एनटीए ने कहा – राजस्थान के सवाई माधोपुर के मानटाउन स्थित बालिका उच्चतर माध्यमिक मॉडल स्कूल में प्रश्नपत्रों के गलत वितरण की घटना हुई थी. यह पाया गया कि केंद्र अधीक्षक ने गलती से हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों को अंग्रेजी माध्यम की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के प्रश्नपत्र वितरित कर दिये थे और अंग्रेजी मीडियम वालों को हिंदी मीडियम के. इससे कुछ अभ्यर्थी हंगामा करने लगे और केंद्र कर्मचारियों द्वारा रोकने के प्रयासों के बावजूद प्रश्नपत्र लेकर परीक्षा केंद्र से चले गये. यह भी पाया गया कि इस प्रश्नपत्र की कॉपी लगभग 4:25 बजे सोशल मीडिया पर वायरल की गयी, जिससे यह धारणा बनी कि परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गया था. भले ही कुछ विद्यार्थियों द्वारा प्रश्नपत्र निकालकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया गया था, लेकिन परीक्षा शुरू होने के बाद कोई भी बाहरी व्यक्ति केंद्र में नहीं पहुंच सकता था. इसके अलावा सभी केंद्र सीसीटीवी की निगरानी में थे. सवाई माधोपुर स्थित उपरोक्त केंद्र के प्रभावित अभ्यर्थियों की परीक्षा उसी दिन पांच मई को सही मीडियम के प्रश्नपत्र के साथ आयोजित की गयी थी, ताकि उनका भविष्य बर्बाद न हो.

ग्रेस मार्क्स क्यों दिए ?

एनटीए ने कहा- नीट यूजी 2024 के अभ्यर्थियों द्वारा कुछ केंद्रों पर एग्जाम के दौरान उनका समय बर्बाद होने के चलते उच्च न्यायालयों के समक्ष कुछ याचिकाएं दायर की गयी थीं. इसके बाद एक शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया, जिसने पदाधिकारियों की तथ्यात्मक रिपोर्टों और संबंधित परीक्षा केंद्रों से सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शिकायतों पर विचार किया. समय की बर्बादी की भरपाई के लिए इन स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिये गये.

ग्रेस मार्क्स किस आधार पर दिये गये, उसका फॉर्मूला क्या रहा?

एनटीए ने कहा- पता लगाया कि उन स्टूडेंट्स का कितना समय बर्बाद हुआ था और ऐसे उम्मीदवारों की उत्तर देने की क्षमता कितनी है, इस आधार पर उन्हें ग्रेस मार्क्स दिये गये. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 13 जून 2018 को दिये गये निर्णय से तय किये एक फॉर्मूले के आधार पर इन्हें ग्रेस मार्क्स दिये गये. कुल 1563 उम्मीदवारों को टाइम लॉस होने के चलते ग्रेस मार्क्स दिये गये.

कोई उम्मीदवार 718 और 719 अंक कैसे प्राप्त कर सकता है?

एनटीए ने कहा- ग्रेस मार्क्स के कारण दो उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक प्राप्त हुए.

क्या 1563 के अलावा कोई और उम्मीदवार था जिसे ग्रेस अंक मिले?

नहीं, उन 1563 उम्मीदवारों को उनके समय खराब होने की भरपाई के लिए ग्रेस अंक दिये गये थे.

फिजिक्स के एक प्रश्न के दो सही उत्तर होने के चलते 44 अभ्यर्थियों का पूरा स्कोर 720 में से 720 रहा. क्या उन्हें भी ग्रेस मार्क्स मिले थे ?

नहीं, जैसा कि पहले कहा गया था, ग्रेस अंक केवल समय बर्बाद होने की भरपाई के लिए मुआवजे के तौर पर दिये गये थे.

क्या आप नीट के शीर्ष 100 उम्मीदवारों के परीक्षा केंद्रों और स्कूल बोर्डों के संदर्भ में वितरण के बारे में डिटेल्स दे सकते हैं?

शीर्ष 100 उम्मीदवारों को देश के 17 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के 55 शहरों में स्थित 89 विभिन्न केंद्रों में बांटा गया है. इन शीर्ष उम्मीदवारों में से 73 सीबीएसइ बोर्ड के हैं, जबकि शेष 27 विभिन्न राज्य बोर्डों से हैं. यह विविधतापूर्ण वितरण विभिन्न क्षेत्रों और शैक्षिक पृष्ठभूमि के छात्रों के बीच व्यापक भागीदारी और प्रतिस्पर्धी भावना को दिखाता है.

एनटीए ऐसे हाइ स्कोर की प्रामाणिकता कैसे सुनिश्चित करता है?

एनटीए ने परीक्षा की शुचिता बनाये रखने के लिए कई कदम उठाये. इसमें बायोमेट्रिक सत्यापन, सीसीटीवी निगरानी और परीक्षा के दौरान सख्त निगरानी शामिल है. परीक्षा के बाद, एनटीए ने सीसीटीवी फुटेज अच्छी तरह चेक की. साथ ही यह भी चेक किया कि नीट के टॉपर स्कोरर्स पढाई लिखाई में कैसे रहे हैं.

आंसरशीट एनटीए की अधिकारिक आइडी से नहीं भेजी गयी

एक अभ्यर्थी के वायरल वीडियो के संबंध में जिसमें नीट यूजी 2024 के स्कोरिंग में गड़बड़ियों का दावा किया गया है और फटी हुई ओएमआर आंसरशीट एनटीए की ओर से मेल में मिलने के बारे में कहा गया है, इस पर कहा कि कोई भी फटी हुई ओएमआर आंसरशीट एनटीए के आधिकारिक आइडी से नहीं भेजी गयी थी. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार ओएमआर आंसरशीट सही है और स्कोर सटीक हैं.

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