पानी में छिपे अपराधी को भी ढूंढ़ निकालेगा बिहार पुलिस का डॉग स्क्वायड, इन खासियतों के साथ हर जिले में होगी तैनाती…

पटना: राज्य के सभी जिले में श्वान दस्ता (डॉग स्क्वायड) की तैनाती होने जा रही है. इससे वारदात के बाद अपराधियों को पकड़े , शराब और विस्फोट का सुराग लगाने के लिए सीआइडी की निर्भरता रेंज मुख्यालय से लगभग खत्म हो जायेगी. सूत्रों के अनुसार गृह विभाग द्वारा 50 कैनल के सृजन की मंजूरी मिल गयी है. एडीजीपी सीआइडी विनय कुमार ने परियोजना को आगे बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है. डॉग की खरीद और हैंडलर का ट्रेनर प्रोग्राम शुरू हो गया है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्दी ही करीब 700 पदों पर बहाली को भी जल्दी ही मंजूरी दे देगी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 22, 2020 6:06 AM

पटना: राज्य के सभी जिले में श्वान दस्ता (डॉग स्क्वायड) की तैनाती होने जा रही है. इससे वारदात के बाद अपराधियों को पकड़े , शराब और विस्फोट का सुराग लगाने के लिए सीआइडी की निर्भरता रेंज मुख्यालय से लगभग खत्म हो जायेगी. सूत्रों के अनुसार गृह विभाग द्वारा 50 कैनल के सृजन की मंजूरी मिल गयी है. एडीजीपी सीआइडी विनय कुमार ने परियोजना को आगे बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है. डॉग की खरीद और हैंडलर का ट्रेनर प्रोग्राम शुरू हो गया है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्दी ही करीब 700 पदों पर बहाली को भी जल्दी ही मंजूरी दे देगी.

प्रत्येक जिले में डॉग स्क्वायड का एक यूनिट होगा

अनुसंधान, चेकिंग और शराब बरामदगी में सीआइडी के डॉग स्क्वायड के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद सरकार ने इसकी सेवाओं को विस्तार रूप देने की मंशा जतायी थी. एडीजी सीआइडी विनय कुमार ने 50 नये यूनिट के गठन का प्रस्ताव सरकार को भेजा था. इसमें 700 पदों पर बहाली का भी प्रस्ताव था. सूत्रों के अनुसार गृह विभाग ने 50 कैनल की स्थापना को मंजूरी दे दी है. एक कैनल की क्षमता चार डॉग की है. प्रत्येक जिले में डॉग स्क्वायड का एक यूनिट होगा. हर यूनिट में विस्फोटक, ट्रैकर और लिकर का पता लगाने वाले चार डॉग होंगे.

पानी में छिपे अपराधी को भी सूंघ सकते है़ं.

सीआइडी ने इस चरण में लेब्राडॉग – बेल्जियन शेफर्ड प्रजाति के 25 डॉग की खरीद की है. बेल्जियम सेफर्ड पानी में छिपे अपराधी को भी सूंघ सकते है़ं. करीब दस किलोमीटर तक ट्रैकिंग कर सकते हैं. वहीं, लेब्राडॉग वीआइपी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सभी 25 डॉग को हैदराबाद में जमीन में छिपे विस्फोटक – बारूदी सुरंग, शराब, ट्रैकिंग और विस्फोटक का सुराग देने की ट्रेनिंग दिलायी जा रही है. 25 पुलिसकर्मियों का दल (हैंडलर) भी वहां पहुंच गया है. आठ महीने तक डॉग – पुलिसकर्मी प्रशिक्षित होंगे. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सभी को पटना में कुछ दिन तक रखा जायेगा. इसके बाद यूनिटों का गठन कर जिलों में प्रतिनियुक्ति कर दी जायेगी.

श्वान दस्ते ने बड़े मामलों में लीड दिलायी : एडीजीपी सीआइडी

सीआइडी के चीफ एडीजीपी विनय कुमार का कहना है कि बिहार के श्वान दस्ते का पूरा देश लोहा मान रहा है. बीते दिनों में कई चर्चित घटनाओं का जिक्र करते हुए बताते हैं कि ट्रैकर और लिकर डॉग से कई बड़े मामलों में सुराग मिले हैं. इनकी मदद से जमीन में दबी शराब तक बरामद हो रही है. श्वान दस्ते के विस्तार और उसको बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है.

राज्य में श्वान दस्ता

इडी – 27

ट्रैकर – 19

लिकर- 19

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Next Article

Exit mobile version