फुलवारी शरीफ : फुलवारी शरीफ : अखिल भारतीय मिल्ली काउंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह अबुल कलाम रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना अनीस-उर-रहमान कासमी ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस एक कोरोना वायरस रोगी से दूसरों में फैलता है, जो मृत्यु के बाद भी रोकना महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह रोगी का इलाज सहानुभूति के साथ किया जाता है, उसी तरह मरीज की मृत्यु के बाद सम्मान देना चाहिए. कोरोना वायरस पीड़ित की मौत के बाद सम्मान का स्नान कराकर दफनाया जाये.
उन्होंने कहा कि कोरोना से मृत मुसलमान को आम आदमियों की तरह मुस्लिम कब्रिस्तान में दफनाया जाये. यदि कोई व्यक्ति कब्रिस्तान में ऐसे लोगों को दफनाने का विरोध करता है, तो यह गैरकानूनी और अमानवीय है.
ध्यान रखें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपने 24 मार्च के बयान में कहा था कि एक व्यक्ति की लाश, जो वायरस से मर चुका है, अछूत नहीं है और कफन, अंतिम संस्कार और दफनाने से नहीं रोका जाना चाहिए.
मौलाना अनिसुर रहमान कासमी ने कहा कि कोरोना वायरस से मृत व्यक्ति के शव को दफनाने या अंतिम संस्कार में शामिल होने से डरना नहीं चाहिए.
Posted By : Kaushal Kishor