राज्य के 534 प्रखंडों में डोर स्टेप पशु मोबाइल चिकित्सा सेवा शुरू

पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने कहा कि राज्य के सभी 534 प्रखंडों में डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा शुरू कर दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 10, 2024 1:08 AM
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पशुपालकों के घर पर जाकर बीमार पशुओं का होगा इलाज: रेणु

राज्य के 534 प्रखंडों में डोर स्टेप पशु मोबाइल चिकित्सा सेवा शुरू

संवाद कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस

संवाददाता, पटना

पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने कहा कि राज्य के सभी 534 प्रखंडों में डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा शुरू कर दी गयी है. इससे पशुपालकों के घर जाकर बीमार पशुओं का इलाज होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने चलंत चिकित्सा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है. सूचना व जनसंपर्क विभाग के संवाद कक्ष में सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री ने कहा कि बिहार में दूध का उत्पादन बढ़ा है. दूध अब बिहार से बाहर भेजा जा रहा है. एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि घोड़परास को मारने की योजना चल रही है. घोड़परास अगर घायल होंगे , तो उनका इलाज भी पशु चिकित्सक करेंगे. मंत्री ने कहा कि टेलीमेडिसिन की भी सुविधा दी जा रही है. टॉल फ्री नंबर 1962 डायल करने पर पशु चिकित्सा सलाह दी जा रही है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी पशुओं का इलाज किया जा रहा है. मौके पर पशुपालन निदेशक व अन्य अधिकारी मौजूद थे.

प्रत्येक दिन दो गांवों में घूमेगा चलंत चिकित्सा वाहन: प्रधान सचिव

प्रधान सचिव डॉ एन विजयालक्ष्मी ने कहा कि प्रत्येक दिन दो गांवों में मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन भ्रमण करेगा. इस वाहन में एक पशु चिकित्सक, एक पशु चिकित्सा सहायक और एक चालक सह परिचारी होंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी डॉक्टर पैसे लेकर इलाज नहीं करते हैं. अगर ऐसी शिकायत आयेगी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. कहा कि राज्य में पशुओं की संख्या तीन करोड़ 65 लाख से अधिक है.

ए-टू और ए-वन दूध में कोई साइंटिफिक अंतर नहीं

प्रधान सचिव ने कहा कि देसी गाय के दूध को लोग ए-टू मानकर सेवन कर रहे हैं. इनका दूध 80 रुपये किलो और घी दो से तीन हजार रुपये किलो बिक रहा है. ए-टू और ए-वन दूध में कोई साइंटिफिक अंतर नहीं पाया गया है. इसके लिए बड़े पशु चिकित्सकों से बात की गयी. रिसर्च निकाला गया. कहीं भी ये नहीं पाया गया कि ए-टू दूध में ए-वन दूध से अधिक पोषक तत्व हैं.

ऐसे काम करेगा मोबाइल चिकित्सा वाहन

प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक चलंत वाहन से पशुओं का उपचार होगा. वाहन में मौजूद डॉक्टर जरूरत पड़ने पर कॉल सेंटर में मौजूद विशेषज्ञ डॉक्टर से ऑडियो व वीडियो माध्यम से सलाह लेकर इलाज कर सकते हैं. रोग की पहचान, छोटी सर्जरी भी होगी. दवाइयां भी मिलेंगी.

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