डॉ अजय के विरोधियों ने लगायी थी आग

पीएमसीएच के चाणक्या ब्वॉयज हॉस्टल में हुई अगलगी में अहम खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार चाणक्या ब्यॉज हॉस्टल के एलआर-42 कमरे में डाॅ अजय अवैध तरीके से रहता था.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 11:34 PM

संवाददाता, पटना पीएमसीएच के चाणक्या ब्वॉयज हॉस्टल में हुई अगलगी में अहम खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार चाणक्या ब्यॉज हॉस्टल के एलआर-42 कमरे में डाॅ अजय अवैध तरीके से रहता था. उस कमरे में सात जनवरी को आग डाॅ अजय के विरोधी गुट ने लगायी थी. इसके बाद अजय के साथ मारपीट भी हुई. डाॅ अजय के साथ पीजी के मेडिकल छात्रों का परीक्षा में सेटिंग को लेकर विवाद हो गया था और इसी वजह से पूरी घटना हुई. मालूम हो कि डाॅ अजय के कमरे से पुलिस को जले हुए लाखों रुपये, एकेयू की ओएमआर शीट और नीट पीजी के एडमिट कार्ड मिले हैं. अजय फिलहाल फरार है. उसके ठिकानों पर छापेमारी जारी है. दरअसल देर रात अग्निशमन की टीम और पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस यह नोटिस नहीं कर पायी कि जिस कमरे में आग लगी है, उसमें लाखों रुपये और डॉक्यूमेंट हैं. आठ जनवरी को डाॅ अजय का विरोधी गुट के लड़कों से फिर विवाद हो गया. सभी ने डाॅ अजय की पिटाई कर दी और उसे 625 नंबर के कमरे में बंद कर दिया. इसी बीच पीरबहोर थाने की पुलिस पहुंची और उसे मुक्त करा थाने ले आयी. यहां से उसे छोड़ दिया गया. अब डाॅ अजय के विरोधी गुट ने जले हुए लाखों रुपये और डॉक्यूमेंट को गार्ड के कमरे (जी-वन) में रख दिया. इसके बाद पुलिस आठ जनवरी की देर रात दोबारा चाणक्या ब्यॉज हॉस्टल पहुंची और जले हुए लाखों रुपये व डॉक्यूमेंट बरामद किये. हैरत की बात यह कि सोशल मीडिया पर मेडिकल छात्रों का एक पत्र वायरल है. यह पत्र दो जनवरी को आर्यभट्ट को लिखा गया है. पत्र में लिखा गया है कि परीक्षा केंद्र बाहर दिलाने के नाम पर प्रति छात्र दो-दो लाख रुपये मांगे जा रहे हैं और नहीं देने पर धमकी दी जा रही है और परीक्षा में व्यवधान डालने की बात कही जा रही है. पत्र लिखने वाले छात्रों ने गुहार लगायी है कि उनका परीक्षा केंद्र विवि के कैंपस में ही हो. यह पत्र पुलिस को मिला है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. पीजी की परीक्षा का सेंटर दिलाने का दिया था झांसा : पीजी की परीक्षा का परीक्षा केंद्र आर्यभट्ट कैंपस से बाहर दिलाने का झांसा दे डॉ अजय रुपया ऐंठना चाह रहा था. इसके एवज में वह पीजी स्तर के छात्रों से प्रति छात्र 40-40 हजार रुपये की मांग की थी और नहीं देने पर छात्रों को तरह तरह की धमकी दी जा रही थी. इसी बीच छात्रों के एक गुट ने डाॅ अजय का विरोध कर दिया. इसके बाद विवाद बढ़ गया और पूरे मामले का भंडाफोड़ कर दिया. आर्यभट्ट विवि के मेडिकल छात्रों के पीजी स्तर की परीक्षा 10 जनवरी से होनी थी. डॉ अजय इन छात्रों को झांसा दे रहा था कि उसकी पहुंच आर्यभट्ट विवि के अधिकारियों तक है. वह परीक्षा केंद्र विवि कैंपस के बाहर दिलवा देगा, जहां चोरी करने की छूट रहेगी. इधर पीरबहोर थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस ने एमबीबीएस और पीजी के चार मेडिकल छात्रों से पूछताछ की है. वहीं, पुलिस की एक टीम मंगलवार को जांच के लिए आर्यभट्ट विवि गयी थी. पुलिस को विवि के अधिकारियों से मुलाकात नहीं हुई. एक दो दिन बाद पुलिस फिर विवि जायेगी.

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