ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व गाड़ी के ऑनरबुक (आरसी) का पार्टिकुलर लेने के लिए वाहन मालिकों को अब शुल्क देना होगा. इसमें आरसी के लिए 200 रुपये और डीएल के लिए 300 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है. इतना ही नहीं, आवेदक को कारण बताते हुए आवेदन देना होगा. इसकी स्वीकृति मिलने के बाद वे चालान कटायेंगे, इसके बाद उन्हें यह उपलब्ध होगा.
साथ ही विभाग के पास इस रिकॉर्ड रहेगा कि किस डीएल व आरसी का पार्टिकुलर कितनी बार व किस कारण से निकाला गया. जिसके नाम से डीएल व आरसी है, उन्हीं को यह जारी होगा. डीटीओ लाल ज्योतिनाथ शाहदेव ने बताया कि पार्टिकुलर के लिए नियमानुसार यह कार्रवाई की गयी है. इससे काफी हद तक फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा, जिसके नाम से पेपर है उसे ही पार्टिकुलर जारी होगा.
क्या है पार्टिकुलर, क्यों है जरूरी- पार्टिकुलर डीएल व आरसी के पेपर की कॉपी होती है, जो विभाग द्वारा जारी किया जाता है. इसमें डीएल व आरसी की पूरी डिटेल होती है. कई कार्यालय में दोनों पेपर के सत्यापन के लिए इसकी डिमांड की जाती है. वहीं इन दोनों पेपर को खो जाने पर किसी तरह के क्लेम के लिए पार्टिकुलर पेपर की आवश्यकता होती है. पार्टिकुलर निकाल कर पूर्व में फर्जीवाड़े के मामले सामने आ चुके हैं. इसमें शुल्क का नियम पुराना है, अब यह सख्ती से लागू होगा.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra