पटना. राज्य में शराब के अवैध निर्माण और इसके कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का भी सहारा तेजी से लिया जा रहा है. पटना और वैशाली के दियारा इलाकों में इनके उपयोग के सराहनीय परिणाम सामने आये हैं. अब इनका विस्तार गंगा किनारे के सभी जिलों में किया जायेगा. इसके लिए पटना से लेकर भागलपुर तक के गंगा किनारे के सभी जिलों को विशेष रूप से रूट मैप बनाकर भेजने के लिए कहा गया है. सभी संबंधित जिलों के एसपी से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों के उन इलाकों का पूरा रूट मैप तैयार करके पुलिस मुख्यालय को भेजें, जहां ड्रोन की मदद से छापेमारी की जा सकती है या, उन दियारा इलाकों का जहां पुलिस फोर्स को जाने में समस्या होती है या इनकी निगरानी रखने में बेहद समस्या होती है.
ऐसे सभी इलाकों की समुचित मॉनीटरिंग ड्रोन से करने के लिए एक विस्तृत रूट मैप तैयार किया जायेगा, ताकि ड्रोन की मदद से इन बेहद संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी रखी जा सके और इसके बाद इन क्षेत्रों में भी सघन छापेमारी की जा सके. इस काम में जिला स्तर पर पुलिस के साथ उत्पाद विभाग की टीम भी रहेगी. दोनों महकमों की टीमें मिल कर इस ऑपरेशन को अंजाम देंगी. एक बार पूरा रूट मैप तैयार करने के बाद ड्रोन की मदद से सभी चिह्नित रूटों पर सिलसिलेवार तरीके से कार्रवाई की जायेगी. शराब के खिलाफ कार्रवाई करने में इस तरह की नयी पहल की जा रही है, ताकि माफियाओं पर पूरी तरह से नकेल कसी जा सके. खासकर दियारा इलाके में चुलाई शराब या शराब की भट्ठियों को इसकी मदद से विशेषतौर पर नष्ट की जा सके. इसकी मदद से कारोबारियों पर निगरानी रखी जा सकेगी.
शराब की छापेमारी में ड्रोन से मिल रही सफलता को देखते हुए मद्य निषेध विभाग उत्साहित है. सफलता की दर काफी अधिक देखते हुए विभाग अब ड्रोन की संख्या बढ़ायेगा. विभाग के मुताबिक अवैध शराब निर्माण को लेकर संवेदनशील 12 जिलों में में 17 ड्रोन से नजर रखने की तैयारी की गयी है. इन 17 ड्रोन की सेवा तीन अलग-अलग कंपनियों से ली जायेगी. यह कंपनियां डेबेस्ट, इनोकेट और पीआइ हैं. इस अभियान में डेबेस्ट के आठ ड्रोन, इनोकेट के पांच और पीआइ के चार ड्रोन लगाये जायेंगे. जिलों में ड्रोन की कार्रवाई का मूल्यांकन प्रतिदिन के हिसाब से किया जायेगा.