बिहार में शराब बनाने वालों पर ड्रोन से सर्जिकल स्ट्राइक, 22 दिनों में 1.5 लाख किलो से अधिक जावा-महुआ नष्ट

पटना में बरामद होने वाली शराब में करीब 70 प्रतिशत हिस्सेदारी देशी या चुलाई शराब की होती है. गंगा के दियारा इलाके में अवैध तरीके से इसका निर्माण छिप छुपा कर होता रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2022 6:38 AM

पटना. ड्रोन इन दिनों शराब कारोबारियों पर कहर बरपा रहा है. खास कर देशी शराब बनाने वाली भट्ठियों, देशी शराब में प्रयोग होने वाले जावा-महुआ से लेकर अन्य सामग्रियों को पकड़ने में लगातार सफलता मिल रही है. ड्रोन का प्रयोग इतना सफल हुआ है कि बीते 22 दिनों में पटना जिले में करीब 1.58 लाख किलो से अधिक जावा महुआ को नष्ट किया गया है, जबकि 100 से अधिक शराब भट्ठियों को नष्ट करने में जिला पुलिस व उत्पाद कार्यालय को सफलता मिली है. आंकड़ों की मानें तो यह उपलब्धि ड्रोन के प्रयोग से पूर्व के लगभग 10 से 15 गुना अधिक है. मालूम हो कि 21 जनवरी से जिले में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. उत्पाद विभाग दियारा इलाके में शराब को पकड़ने के लिए ड्रोन की मदद से सर्जिकल स्ट्राइक कर रहा है.

दुर्गम दियारा इलाके में ड्रोन के कारण छापेमारी

पटना में बरामद होने वाली शराब में करीब 70 प्रतिशत हिस्सेदारी देशी या चुलाई शराब की होती है. गंगा के दियारा इलाके में अवैध तरीके से इसका निर्माण छिप छुपा कर होता रहा है. अब दुर्गम टापू हो या झाड़ियों से घिरा इलाका कहीं भी देशी शराब बनाने की भट्ठी चल रही तो वह ड्रोन की नजर से बच नहीं पा रही है.

500 मीटर की ऊंचाई से नजर

इन अत्याधुनिक ड्रोन में लगे कैमरे से 500 मीटर की ऊंचाई से भी जमीन पर का वीडियो और फोटो लिया सकता है. जिस स्थान से ड्रोन उड़ाये जा रहे हैं वहां से पांच किलोमीटर के सर्किल तक ये ड्रोन घूम सकते हैं. ड्रोन ऑपरेटर जमीन पर से ही आसमान में उड़ रहे ड्रोन के कैमरे को जूम कर तस्वीर ले सकते हैं. इन्हें नीचे उड़ा कर बेहतर वीडियो और फोटो ली जा सकती है.

इसमें लगे हैं थर्मल कैमरे इससे हो रही भट्ठी की पहचान

उत्पाद विभाग जिन ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल अपनी छापेमारी में कर रहा है उनमें थर्मल कैमरे लगे हुए हैं. इन की खासियत है कि ये 500 मीटर की ऊंचाई से भी जमीन पर किसी खास जगह पर अगर अधिक तापमान है तो उसका पता कर लेता है. इसके बाद उस स्थल के करीब आकर उसकी स्पष्ट तस्वीर और वीडियो यह बना सकता है. इससे गंगा के दुर्गम टापूओं या झाड़ियों में छिपा कर भी अगर कहीं कोई देशी शराब बनाने की भट्ठी चल रही है तो उसका पता चल जा रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी

उत्पाद विभाग पटना के सहायक आयुक्त किशोर साह ने कहा कि पटना में तीन ड्रोन का इस्तेमाल हम छापेमारी में कर रहे हैं. इनके आने के बाद से देशी शराब के निर्माण को रोकने में बड़ी कामयाबी मिली है. जावा और महुआ को नष्ट करने में करीब 15 गुणा और चुलाई शराब बरामद करने में करीब तीन गुणा बढ़ोतरी ड्रोन के आने के बाद हुई है. अब गंगा के सुदूर दियारा इलाके तक भी पहुंच कर छापेमारी कर रहे हैं जो पहले ओझल थे.

ड्रोन की मदद से मिली कुछ बड़ी सफलता

  • 6 फरवरी – मनेर के शेरपुर दियारा में लंबे घासों के बीच छिपाकर चलाये जा रहे चुलाई शराब के 6 अड्डों पर छापेमारी कर 13 भट्ठी को ध्वस्त किया गया. 750 लीटर चुलाई शराब बरामद हुई. 25,000 किलो जावा-महुआ नष्ट किया गया.

  • 22 जनवरी – मनेर के शेरपुर दियारा से तीन हजार किलो जावा-महुआ को बरामद कर नष्ट किया गया

  • 27 जनवरी- मसौढ़ी के बदरोई और सुकटिया नदी के किनारे चार हजार किलो जावा-महुआ को नष्ट किया गया

  • 30 जनवरी- बिहटा और कोईलवर में हुई संयुक्त छापेमारी में 13,200 लीटर अर्द्धनिर्मित शराब और महुआ नष्ट किया गया, 175 लीटर चुलाई शराब बरामद हुई 12 चुलाई शराब भट्ठियों को नष्ट किया गया.

  • 8 फरवरी – मनेर के शेरपुर दियारा में और लोदीपुर दियारा में छापेमारी कर 28 भट्ठी ध्वस्त की गयी. 1950 लीटर चुलाई शराब जब्त. 65,000 किलो जावा महुआ नष्ट किया गया.

  • 10 फरवरी – मनेर के सादिकपुर दियारा में 25 भट्ठी नष्ट की गयी. 550 लीटर चुलाई शराब जब्त की गयी और 46,700 किलो जावा- महुआ नष्ट किया गया.

  • 12 फरवरी को फतुहा के बलवा, जग्गीपुर में 13 चुलाई भट्ठी को नष्ट किया गया. 110 लीटर चुलाई शराब बरामद की गयी. 12600 किलो जावा- महुआ घटना स्थल पर ही नष्ट किया गया.

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