बिहार की ट्रेनें ड्रग्स तस्करों के लिए बनी सेफ जरिया! दो करोड़ की नशीली दवा का खेप कैसे हुआ बुक?

बिहार में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. करीब दो करोड़ रुपए मूल्य की नशीली दवा का खेप पकड़ाया है. जानिए क्यों रेलकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | November 18, 2024 10:05 AM

बिहार में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए तस्करों को ट्रेन अब सेफ जरिया लगने लगा है. आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जब ट्रेन से शराब ही नहीं बल्कि नशीली दवाओं और प्रतिबंधित वस्तुओं व मादक पदार्थ के खेप पकड़ाते हैं. कई ऐसे मामले भी सामने आते हैं जिनमें रेलकर्मियों के मिलीभगत की भी आशंका होती है.शुक्रवार को छपरा जंक्शन से करीब दो करोड़ मूल्य की नशीली दवा पार्सल के माध्यम से बुक करके यूपी भेजी गयी. जिसका खुलासा हुआ तो अब कई चीजें संदिग्ध लग रही हैं. वहीं बीते महीने कोकीन तक एक एक्सप्रेस ट्रेन की एसी बोगी से बरामद हुए थे.

छपरा में पार्सल से भेजा गया नशीली दवाओं का बड़ा खेप

छपरा जंक्शन से नशीली दवाओं का कारोबार पार्सल के माध्यम से हुआ है. इसका खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार को छपरा से लखनऊ जाने वाली लखनऊ एक्सप्रेस से करीब दो करोड़ रुपए मूल्य की ऑक्सीटोसिन नशीली सूई बरामद की गयी. चारबाग स्टेशन पर चेकिंग के क्रम में यह खेप पकड़ाया. इन दवाओं को छपरा जंक्शन के पार्सल कार्यालय से बुक किया गया था. नगर थाना क्षेत्र के बड़ा तेलपा के रहने वाले संतोष कुमार के द्वारा इसे बुक करके भेजा गया था. चारबाग स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने के साथ ही माफिया भी सक्रिय थे. पुलिस की भनक लगने पर 38 में 5 कार्टन नशीली दवा लेकर माफिया फरार हो गए. बाकी बचे कार्टन को जब्त किया गया.

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आखिर पार्सल ऑफिस से कैसे बुक हो गयी इतनी बड़ी खेप?

अब जो सवाल जांच के दायरे में है वो यह है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में यह ऑक्सीटोसिन नशीली सूई छपरा जंक्शन के पार्सल कार्यालय से बुक कैसे हुई. आखिरकार इतनी बड़ी खेप को बिना जांच किए ही लखनऊ कैसे भेज दिया गया. क्या जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी, या फिर इसे रेलकर्मियों की मिलीभगत से भेजा गया. इसे लेकर सुरक्षा एजेंसी के रडार पर कई अधिकारी व कर्मी हैं.

एसी कोच का अटेंडेंट लेकर जा रहा था कोकीन का खेप

बताते चलें कि पिछले महीने मुजफ्फरपुर में ट्रेन में 1 किलो से अधिक मात्रा में कोकीन के साथ ट्रेन का ही बेडरोल कर्मी पकड़ाया था. जिसके बाद इसका खुलासा हुआ था कि किस तरह फर्स्ट एसी के अंदर ड्यूटी कर रहे कर्मी को जरिया बनाकर नशे के खेप की तस्करी की जाती है. आरा जिले के रहने वाला उक्त बेडरोल कर्मी एक्सप्रेस ट्रेन के एसी-वन कोच में बेडरोल के नीचे छिपाकर कोकीन यूपी ले जा रहा था. उसे यूपी में ये कोकीन पहुंचाने दिया गया था.

कटिहार रेलखंड पर चला अभियान, संदिग्ध सामान के साथ 28 पकड़ाए

इधर, प्रतिबंधित वस्तुओं व मादक पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए कटिहार रेल मंडल के सभी मुख्य स्टेशन सहित एनएफ रेलवे में आरपीएफ ट्रेन में नियमित रूप से तलाशी अभियान चला रही है. एक से 15 नवंबर तक इस जोन में अभियान चलाये गये. तलाशी अभियान में रेलवे सुरक्षा बल ने तीन लोगों को हिरासत में लिया. उनके पास से 11.14 लाख रुपये से अधिक के प्रतिबंधित सामान बरामद किया है. बता दें कि रेलवे सुरक्षा बल ने अक्टूबर महीने में इस जोन में चलाये गये विभिन्न तलाशी अभियानों के दौरान 1.42 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के प्रतिबंधित सामान/नशीले पदार्थों को बरामद किया. कुल 28 लोगों को हिरासत में लिया गया.

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