Durga Puja: राजधानी पटना में दुर्गा उत्सव की तैयारी पूरे जोर-शोर से चल रही है. शहर भक्ति के रंग में रंगा नजर आ रहा है. पटना की सड़कों और गलियों में कला, संस्कृति व आस्था के रंग बिखरने लगे हैं. दुर्गोत्सव में आम लोगों से लेकर पूजा समितियों के कार्यकर्ताओं और कलाकारों में भी काफी उमंग है. शहर की अधिकतर बड़ी पूजा समितियां इस वर्ष आधुनिक साज-सज्जा, आकर्षक पंडाल और मूर्तियों का निर्माण करा रही हैं. हर चौक-चौराहे पर पंडाल अपना रूप लेने लगे हैं. शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में पटना के प्रमुख पूजा समितियों के साथ ‘प्रभात खबर संवाद’ का आयोजन किया गया. इसमें पूजा समिति के सदस्यों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
संवाद में समिति के अधिकांश सदस्यों ने कहा- शहर में हो रहे दुर्गा उत्सव के आयोजन को लेकर डीएम के साथ सीधी बैठक होनी चाहिए. थाना स्तर पर बैठक होने से हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है. उन्होंने बताया कि पहले पूजा आयोजन को लेकर जिलाधिकारी बैठक करते थे. हमारी समस्याओं का निपटारा तुरंत हो जाता था. सदस्यों ने कहा कि प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था ठीक नहीं है, इसे बेहतर करने की जरूरत है. चार फीट गहरे पानी में दर्जनों मूर्तियां विसर्जन करना पड़ता है. जिला प्रशासन या नगर निगम को इसकी बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए.
पूजा समिति मेंबर बोले- जिला प्रशासन या नगर निगम प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था ठीक करें
दरियापुर गोला में विसर्जन के दौरान महिलाएं एक ही रंग के परिधान में नजर आयेंगी. इसके लिए करीब 500 साड़ियां मंगायी जा रही हैं. अब तक प्रशासन का व्यवहार अच्छा रहा है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा परेशानियां उत्पन्न की जाती हैं. दुकानदारों को भी तंग किया जाता है, इसलिए हमने सभी दुकानों पर इमरजेंसी फोन नंबर लगवाने का निर्णय लिया है.
– अमन कुमार, श्री ब्रह्म स्थान पंचायत, दरियापुर गोला
साल 1974 से हमारी समिति दुर्गा पूजा का आयोजन करती आ रही है. लेकिन, हाल के दिनों से विसर्जन की स्थिति खराब होती जा रही है. घाट की स्थिति दयनीय है. विदाई के दौरान खोइंछा सही से विसर्जित नहीं हो पाती है. मूर्तियां गिरती है और बच्चे चले जाते हैं. प्रशासन को इसपर काम करने की जरूरत है.
– रजनीश कुमार, हलचल कला परिषद, पृथ्वीपुर चिरैयाटांड़
हमारी समिति का इस साल 103वां दुर्गोत्सव है. इसे देखते हुए छऊ नृत्य का आयोजन करने जा रहे हैं. लेकिन, विसर्जन के दौरान सभी उल्लास खत्म हो जाता है. दीघा घाट में गहराई कम होती है. विसर्जन के दौरान मां की प्रतिमा को देख काफी दुख होता है. कोलकाता में गंगा में विसर्जन कराया जाता है. इसके लिए जाल की व्यवस्था होती है.
– श्रीराज कुमार बोस, छज्जूबाग सार्वजनीन दुर्गा पूजा कमेटी
कोविड के पहले डीएम के साथ सीधी मीटिंग होती थी. इससे अपनी बातों को आसानी से उनके समक्ष रख पाते थे. लेकिन, अब सिर्फ थाना के साथ संवाद होता है. इससे हमारी समस्या हमारे पास ही रह जाती है. 20 दिन पहले प्रशासन द्वारा गाइडलाइन निकलता है, जिसे 3 से 4 माह पहले निकल जाना चाहिए. गाइडलाइन आने तक करीब 60 फीसदी काम पूरा हो जाता है.
– अमित कुमार बरूआ, नवयुवक संघ श्री दुर्गा पूजा समिति ट्रस्ट, डाकबंगला
चौराहे पर पंडाल के चारों ओर अतिक्रमण होता है. चुनरी बेच रहे लोगों से सड़क पर भीड़ भी होने लगती है. इससे आवागमन में समस्या होती है. प्रशासन को इस पर काम करने की जरूरत है. क्योंकि, भीड़ होने से लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इसके अलावे डीएम के साथ बैठक भी होनी चाहिए.
– उमेश सिंह, अध्यक्ष, बोरिंग रोड दुर्गा पूजा समिति
साल 1920 से समिति पूजा कराते आ रही है. पहले एक से बढ़कर एक संगीत का कार्यक्रम होता था. लेकिन, अब बाजार का विस्तार होने से जगह की कमी है. वहीं, विसर्जन एक प्रमुख मुद्दा है. विसर्जन में मां की प्रतिमा को देखा ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें डस्टबिन में डाल रहे हैं. चार फुट का इसके लिए पोखरा बना दिया जाता है. इसकी उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
– शशि पंडित, श्रीश्री दुर्गा पूजा संगीत समिति, जीएम रोड
विसर्जन की उचित व्यवस्था करने की जरूरत है. नवरात्र की सभी खुशियां विसर्जन के बाद खत्म हो जाती है. भद्र घाट की स्थिति और भी दयनीय है. बांस से प्रतिमा को पानी में ठेलना पड़ता है. फिर भी उसे बेहतर प्रबंध नहीं किया जा रहा है. वहीं, जिलाधिकारी के साथ सीधी बैठक भी होनी चाहिए.
– अमित कुमार, एबीसी क्लब, मछुआ टोली
जिस आस्था से हम लोग 1893 से पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं, वह विसर्जन के बाद मन छलक उठती है. इसका कोई पुख्ता इंतजाम नहीं होने से भक्तों को भी विसर्जन में परेशानी होती है व प्रतिमा पूरी तरह से विसर्जित भी नहीं हो पाती है.
– जयदीप मुखर्जी, शुरोद्यान पूजा अनुष्ठान, समिति, बंगाली अखाड़ा
पूजा के दौरान महिला पुलिस की तैनाती बहुत जरूरी है. यह सुरक्षा की दृष्टि से बहुत जरूरी है. वहीं, मुहल्ले में कई पेड़ हैं जिसको छांटने की जरूरत है. इससे विसर्जन में प्रतिमा को ले जाने में काफी सहूलियत होगी. साथ ही, डीएम समितियों के साथ बैठक करें.
– कुमार पंकज, अध्यक्ष, श्री श्री सर्वजन दुर्गा समिति, बोरिंग रोड
पूजा के भीड़ काफी अधिक होती है. इससे निपटने के लिए प्रशासन को चौकन्ना रहना होगा. साथ ही, विसर्जन का उचित व्यवस्था नहीं होने से असंतुष्ट हूं. इसकी उचित व्यवस्था होनी चाहिए. कई बातें थाना स्तर के मीटिंग रखी जाती है, लेकिन उसका निराकरण नहीं हो पाता है. इसलिए, डीएम के साथ समिति का सीधी बैठक होना चाहिए.
– हर्षवर्धन, सचिव, विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति, आनंदपुरी
पूजा की तैयारी अच्छी है. नवरात्र आरंभ होने से इसके उल्लास से पट गया है. मां दुर्गा की भक्ति में श्रद्धालु डूब गये हैं. इसी तरह सरकारी विभाग का भवन निर्माण के कारण 10 नंबर गर्दनीबाग तक सड़क काफी खराब हो गयी है. इससे काफी समस्या हो रही है. वहीं, जिला प्रशासन का गाइडलाइन 15 से 20 दिन पहले मिलती है. जबकि, करीब दो माह पहले मिल जानी चाहिए.
– नाथुन रजक, श्री दुर्गा साईं कृपा मंदिर, चितकोहरा बाजार
काफी धूमधाम से पूजा कराने की तैयारी है. पिछले साल पटना वीमेंस कॉलेज की तरह पंडाल बना था. इस बार रामायण मंदिर के स्वरूप में पंडाल का निर्माण हो रहा है. प्रशासन की तैनाती रहती है. लगभग सुविधाएं दी जाती है. लेकिन, समितियों की बैठक डीएम के साथ नहीं होती है. यह होनी चाहिए. लेकिन, समितियों की बैठक डीएम के साथ नहीं होती है. यह होनी चाहिए.
– हर्ष सिंह, एसके पुरी दुर्गा पूजा समिति
सब्जी मंडी होने के चलते काफी जाम लगता है. पेट्रोलिंग भी नहीं होती है. इससे असामाजिक तत्वों का मनोबल दोगुना हो जाता है. सम्मेलन के पीछे खाली जगह में लोग नशा करते हैं. जबकि, यहां महिलाएं व बच्चे भी आते हैं. वे विश्राम के लिए भी रूकते हैं. सरकार व प्रशासन को यूरिनल की व्यवस्था करनी चाहिए. यहां साल 1937 से पूजा का आयोजन हो रहा है.
– अनिल वर्मा, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन
जिलाधिकारी को एक बार शहर के सभी पूजा समितियों के साथ बैठक बुलाई जानी चाहिए थी. ताकि समितियों को पूजा के दौरान होने वाली परेशानियों को एक बार जिलाधिकारी को अवगत करा सकें. मां की प्रतिमा के विसर्जन के लिए भी व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है. पिछले कुछ सालों में विसर्जन स्थल पर भीड़-भाड़ होने के कारण काफी समस्या का सामना करना पड़ता है.
– साहिल रंजन, दिवा यूथ क्लब राम कृष्ण नगर
शहर में अलग-अलग हिस्सों में निर्माण कार्य की वजह से भी पूजा समितियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे पंडाल में सजावट का सामान लाने में काफी तकलीफ झेलनी पड़ रही है. सिपारा में सड़क पर निर्माण कार्य शुरु होने से रोजाना जाम की समस्या भी अधिक होते जा रही है.
– बिट्टू कुमार, एतवारपुर दुर्गा पूजा समिति
सगुना मोड़ से मां की प्रतिमा के विसर्जन के लिए शाहपुर मूर्ति ले जाने में दानापुर व खगौल के पूजा समितियों को काफी समस्या उत्पन्न हो जाती हैं. क्योंकि इसी रास्ते में मेट्रो निर्माण के कारण भारी वाहनों का परिचालन होते रहता हैं. इसके अलावा प्रशासन की तरफ से पुलिस की तैनाती भी महज जाम हटाने के लिए बनकर रह जाती हैं.
– मुकेश कुमार, गोला रोड पूजा समिति
दुर्गा पूजा में यारपुर में भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगनी चाहिए. ताकि रात के वक्त रास्ते पर भारी वाहनों की वजह से हो रही परेशानी से निजात मिल सके. इसके अलावा पूजा पंडाल के आस-पास तैनात पुलिस बल को जाम छुड़ाने में सहयोग करनी चाहिए. इसके अलावा मां की पूजा में सप्तमी,अष्टमी व नवमी के दिन मीठापुर सब्जी मंडी में दुकान लगाने के लिए रोक लगानी चाहिए.
– सुनील गुप्ता, डॉ धर्मेंद्र क्लब यारपुर
बोरिंग रोड आनंदपुरी में दुर्गा पूजा के दौरान अक्सर भीड़ अनियंत्रित हो जाती हैं. जिसके कारण कई पंडाल के सदस्यों को नियंत्रित करने में हालात खराब हो जाती हैं. इसके अलावा पूजा के दौरान बिना वजह से हो-हल्ला करने वालों को भी रास्ते पर अशांति नहीं फैलनी चाहिए.
– उमेद वैद्य, विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति आनंदपुरी
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