कोरोना के दूसरे लहर में संक्रमण के खतरे से जूझ रहे बिहार के सामने अब बाढ़ की समस्या एक चुनौती बन चुकी है. राज्य सरकार लगातार बाढ़ को लेकर भी अपनी तैयारियां शुरू कर चुकी है. कोरोना संक्रमण के बीच अब बाढ़ के पानी से होने वाली महामारी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ सकती है. हर साल बाढ़ के दंश को बिहार झेलता रहा है. पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना के कहर से भी बाढ़ में खतरे और बढ़ सकते हैं. इस बीच सरकार ने बाढ़ सुरक्षा में लगाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मियों को ड्यूटी के दौरान छुट्टी नहीं देने का फैसला किया है.
पिछली साल के तरह इस बार भी सरकार के सामने महामारी के रूप में दोहरी समस्या रहेगी. इसे लेकर सरकारी तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं. बाढ़ की आशंका को देखते हुए बचाव व राहत कार्येों की तैयारी में प्रशासन को सक्रिय कर दिया गया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर विशेष रुप से अलर्ट है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों के साथ ही जिलों के सिविल सर्जन को भी बाढ़ से होने वाले महामारी के रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों से अवगत कराते हुए पत्र भेजा है.
सरकार ने इस बार बाढ़ सुरक्षा में तैनात किए जाने वाले अधिकारियों और कर्मियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है. जिन्हें बाढ़ की समस्या से लड़ने जिन सरकारी कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी उन्हें छुट्टी नहीं दी जाएगी. लेकिन विशेष परिस्थितियों में इसमें राहत का प्रावधान भी रखा गया है. अगर किसी कर्मी को विशेष परिस्थिति में अवकाश चाहिए तो उन्हें सिविल सर्जन से इसकी अनुमति लेनी होगी. ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को कोविड गाइडलाइन्स का भी पालन कराया जाएगा.
गौरतलब है कि संभावित बाढ़ को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए आदेश के बाद अब पीएचईडी विभाग ने भी गाइडलाइन्स जारी कर दी है. विभाग ने 26 जिलों को चिन्हित कर जिला प्रशासन को पत्र लिख पहले से तैयारी करने का निर्देश दिया है.विभाग के सचिव ने जिलों के अभियंताओं को यह निर्देशित किया है कि संभावित बाढ़ क्षेत्रों में पेयजल, शौचालय और स्वच्छता आदि की व्यवस्था पहले से कर लें. बिहार में बाढ़ सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात अफसर और कर्मियों को नहीं मिलेगी छुट्टी तथा Latest News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
POSTED BY: Thakur Shaktilochan