एक सप्ताह के भीतर जारी होगा इ-साक्ष्य एप : डीजीपी

बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा कि नये कानून के अनुसार साक्ष्यों के डिजिटल संग्रहण को लेकर एक सप्ताह के भीतर इ-साक्ष्य एप जारी कर दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 29, 2024 12:57 AM

नये कानून पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन संवाददाता, पटना बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा कि नये कानून के अनुसार साक्ष्यों के डिजिटल संग्रहण को लेकर एक सप्ताह के भीतर इ-साक्ष्य एप जारी कर दिया जायेगा. इसकी मदद से पुलिस अनुसंधान पदाधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्रित करने को लेकर निर्धारित एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के मुताबिक कार्य करने में आसानी होगी. तीन नये आपराधिक कानूनों पर गृह विभाग एवं पटना हाइकोर्ट द्वारा आयोजित पटना के ज्ञान भवन में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन डीजीपी नये पुलिस अधिकारियों को साइबर क्राइम से निबटने की ट्रेंनिग दिलाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के कमी के कारण जांच लंबे समय तक लंबित रहता हैं. इसको लेकर कई बार हाइकोर्ट द्वारा चिंता जाहिर की जा चुकी है. अधिकारियों की कमी को समाप्त करने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है. कर्मियों को समय पर प्रोन्नति नहीं मिलना भी इसकी एक वजह है. डीजीपी ने बताया कि पहले डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी केस का सुपरविजन करते थे. अब चार स्तर पर सुपरविजन की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने मालखानों को पूरी तरह से डिजिटलाइज बनाते हुए इसे अनुमंडल स्तर पर खोलने पर जोर दिया. वाट्सएप से प्रमाणपत्र की सुविधा जल्द डीजीपी ने नये कानूनों का महत्व बताते हुए कहा कि इससे माध्यम से न सिर्फ डिजिटल आपराधिक न्यायिक प्रणाली का विकास होगा, बल्कि संगीन अपराधों की जांच फॉरेंसिक की सहायता से दृढ़तापूर्वक की जा सकेगी. तीसरा पहलू यह है कि यह प्रणाली काफी पारदर्शी एवं नागरिकों के अनुकूल है. उन्होंने बताया कि नये कानून में पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है. बहुत जल्दी ही व्हाट्सएप के माध्यम से प्रमाण पत्र जारी किये जाने की सेवा की शुरुआत भी की जायेगी. नये कानूनों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई कार्यशाला में कोलकाता हाइकोर्ट की जज न्यायमूर्ति अन्नया बंधोपाध्याय ने नये कानूनों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए उसके विभिन्न पहलुओं को समझाया. कार्यशाला के अंत में ओपन सेशन के दौरान प्रश्न-उत्तर का दौर चला. जिलों से आये कई जिला अभियोजन पदाधिकारियों ने नये कानून के धाराओं पर सवाल किये, जिसका जवाब एनएलयू दिल्ली के प्रोफेसर नीरज तिवारी ने दिया. अंत में गृह विभाग की विशेष सचिव के सुहिता अनुपम ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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