बिहार में पंचायत चुनाव 2021 की अधिसूचना जारी होने से पहले आयोग का एक निर्देश सुर्खियों में हैं. दरअसल, नेपाल से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर पंचायत चुनाव में महिलाओं का आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बाबत आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिया है और उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है.
आयोग की ओर से जारी निर्देश में बताया कि किसी भी महिला की जाति का निर्धारण उसके पिता की जाति से होता है. पिता नेपाली है और उसके बेटी की शादी भारत में हुई है तो उसपर आरक्षण का दावा नहीं बनता है.
यहां बता दें कि पड़ोसी देश नेपाल से भारत को बेटी व रोटी का रिश्ता रहा है और बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं इस चुनाव में दावेदारी ठोक रही हैं जिनका मयके नेपाल में है. नेपाल से जाति प्रमाण पत्र उनका बना हुआ है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम शीर्षत कपिल अशोक को भेजे पत्र में आयोग के सचिव ने स्पष्ट किया है कि नेपाल से बना जाति प्रमाण पत्र पर चुनाव में किसी भी तरह का आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा
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बताते चलें कि नीतीश कैबिनेट द्वारा बिहार में पंचायत चुनाव कराने की अनुशंसा को मान लिया गया है. बिहार में 11 चरणों में पंचायत का इलेक्शन कराया जाएगा. चुनाव से पहले आयोग की ओर से तैयारी की जा रही है. बिहार में कोरोना वायरस की वजह से पंचायत चुनाव टल गया था, जिसके बाद सरकार ने परामर्श समिति का गठन कर पंचायत की सत्ता उसे सौंप दी थी.
Posted By: Avinish Kumar Mishra