आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं ने मेहनत मजदूरी में भी पुरुषों को पछाड़ दिया है. मनरेगा में महिलाओं का दबदबा बढ़ता जा रहा है. पांच साल में सृजित रोजगार(व्यक्ति दिवस) में महिलाओं की हिस्सेदारी में दस फीसदी की व़द्धि हुई है. मनरेगा के तहत सृजित रोजगार में महिलाओं का हिस्सा वित्तीय वर्ष 2015- 16 में 40.9 प्रतिशत था. 2019-20 में यह 55.9 फीसदी हो गया.
हालांकि, योजना की प्रगति में अंतर भी है.वित्तीय वर्ष 2019-20 में जारी जाॅब कार्ड की संख्या में सात फीसदी की वृद्धि हुई है. जाॅब कार्डधारकों की संख्या 169.8 लाख हो गयी है. पटना में मात्र 15.3 फीसदी जाॅब कार्ड धारकों ने ही रोजगार की मांग की. अनुसूचित जाति के जाॅब कार्ड धारकों की संख्या 24.6 से घटकर 22.2 फीसदी रह गयी है.
आर्थिक सर्वे के अनुसार वित्तीय वर्ष 19-20 में रोजगार सृजन 15 फीसदी बढ़ने से 1418.9 लाख मानव दिवस हो गया है. इस साल 33.8 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया. पांच साल पहले यह संख्या 14.8 लाख थी. मनरेगा योजना में पूरे होने वाले कामों की संख्या भी कई गुना बढ़ी है. वित्तीय वर्ष 2015- 16 में 1.1 लाख काम पूरे हुए वहीं 2019-20 यह आंकड़ा 4.6 लाख हो गया.
जिला -जाॅब कार्ड
पूर्वी चंपारण -7.9 लाख
मुजफ्फरपुर- 7.3 लाख
समस्तीपुर -7 .2 लाख
यहां सबसे कम मनरेगा मजदूर
जिला -जाॅब कार्ड
शिवहर- 1.1लाख
शेखपुरा- 1.1लाख
अरवल -1.3लाख
Posted By :Thakur Shaktilochan