संजीव हंस और गुलाब यादव की बढ़ी मुश्किलें, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का किया एक और केस दर्ज

ED in Bihar: संजीव हंस, जो पहले बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के प्रधान सचिव-सह-मुख्य प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात थे. ईडी की सर्च के बाद सामान्य प्रशासन विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है.

By Ashish Jha | September 24, 2024 8:46 AM

ED in Bihar: पटना. आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दोनों के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है. डीए (आय सेअधिक संपत्ति) मामले से संबंधित विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) की एफआईआर का संज्ञान लेते हुए, ईडी ने 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हंस, पूर्व विधायक यादव और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू करने के लिए ईसीआईआर दर्ज की.

ईडी के हाथ लगे कई सबूत

ईडी ने पीएमएलए के तहत 10, 11 और 12 सितंबर को दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पांच स्थानों पर छापेमारी की. ईडी के अधिकारी के मुताबिक, हंस कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है और अवैध वित्तीय गतिविधियों में सहायता कर रहा है. जांच में कुछ निजी व्यक्तियों के साथ उसके करीबी संबंधों का भी पता चला, जिनके साथ उसका वित्तीय लेन-देन था, जो संभावित रूप सेमनी लॉन्ड्रिंग से वित्तीय लेन-देन के एक गहरे नेटवर्क की तरफ इशारा कर रहा है.

करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का मामला

संजीव हंस, जो पहले बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के प्रधान सचिव-सह-मुख्य प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात थे. ईडी की सर्च के बाद सामान्य प्रशासन विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है. संजीव के परिवार के अलावा व्यापारिक साझेदारों ने कथित तौर पर करोड़ों से अधिक की संपत्ति अर्जित की है. इस मामले से परिचित अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने डीए मामले से संबंधित एसवीयूएफआईआर का अध्ययन करने के बाद ईसीआईआर दर्ज की.

एक मामला हाईकोर्ट से हुआ था रद्द

ईडी के निर्देश के बाद एसवीयू प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में ‘अपराध की आय’ की जांच करेगी. ईडी ने पहले दानापुर अदालत के निर्देश पर पटना पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक वकील की शिकायत पर कार्रवाई कर रही थी. वकील ने आरोप लगाया कि हंस और यादव ने वर्षों तक उसका यौन उत्पीड़न किया. हालांकि पटना उच्च न्यायालय ने 6 अगस्त को हंस के खिलाफ मामला रद्द कर दिया था.

Next Article

Exit mobile version