EDLI Scheme: कोरोना संक्रमण से मौत होने पर अब कर सकते हैं क्लेम, जानें किन्हें मिल सकता है इसका लाभ और क्या है पूरी प्रक्रिया
इंप्लायज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (इडीएलआई) स्कीम के तहत कर्मचारी की किसी बीमारी से मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु या स्वाभाविक या कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु के मामले में भी अब क्लेम किया जा सकता है. इस योजना के तहत नॉमिनी सात लाख रुपये तक का क्लेम कर सकते हैं.
इंप्लायज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (इडीएलआई) स्कीम के तहत कर्मचारी की किसी बीमारी से मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु या स्वाभाविक या कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु के मामले में भी अब क्लेम किया जा सकता है. इस योजना के तहत नॉमिनी सात लाख रुपये तक का क्लेम कर सकते हैं.
इडीएलआइ स्कीम का कवर अब उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार के लिए भी है, जिन्होंने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की हो. इडीएलआइ स्कीम में क्लेम के पैसों का भुगतान एकमुश्त होता है. इडीएलआइ में कर्मचारी को कोई रकम नहीं देनी होती है. इसमें केवल कंपनी की ओर से योगदान होता है. अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो कवरेज के मृत कर्मचारी का जीवन साथी, कुंवारी बेटी और नाबालिग पुत्र लाभार्थी होंगे. मरने वाला सदस्य कर्मचारी इपीएफ का एक्टिव अंशधारक होना चाहिए यानी उसकी निधन के वक्त तक उसकी ओर से पीएफ में योगदान जारी होना चाहिए.
इडीएलआइ स्कीम में क्लेम की गणना कर्मचारी को मिली आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी व डीए के आधार पर होती है. अधिकारियों की मानें तो इस इंश्योरेंस का क्लेम कवर आखिरी बेसिक सैलरी और डीए का 35 गुना होगा, जो पहले 30 गुना होता था. मान लीजिए आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी व डीए 15 हजार रुपये है तो इंश्योरेंस क्लेम 35 गुना 15 हजार प्लस एक लाख 75 हजार रुपये यानी सात लाख होगा.
अगर इपीएफ सदस्य की असमय मृत्यु हुई है, तो उसके नॉमिनी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकेंगे. क्लेम करने वाला 18 साल से कम है तो उसकी तरफ से उसका अभिभावक क्लेम कर सकता है. इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को कर्मचारी की मृत्यु का प्रमाणपत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नामिनी की ओर से आवेदन करने वाले गार्जियन सर्टिफिकेट व बैंक डिटेल्स देना होगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan