विवि के विद्यार्थियों के कैंपस सेलेक्शन के लिए टीसीएस को बुला रहा शिक्षा विभाग

राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को पढ़ते हुए स्किल सिखाने की दिशा में केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार ने योजनाबद्ध प्रयास शुरू कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 6, 2025 10:40 PM

शिक्षा विभाग ने साधा टीसीएस से संपर्क संवाददाता,पटना राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को पढ़ते हुए स्किल सिखाने की दिशा में केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार ने योजनाबद्ध प्रयास शुरू कर दिया है. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग ने कैंपस सेलेक्शन और विद्यार्थियों को विशेष स्किल में प्रशिक्षित कराने के लिए कंपनियों से बातचीत भी प्रारंभ की है. इस दिशा में शिक्षा विभाग ने सबसे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) से संपर्क साधा है. इस कंपनी के प्रतिनिधि जल्दी ही एक-दो दिन में ही शिक्षा विभाग के बड़े अफसरों से मिल कर कैंपस सेलेक्शन के संदर्भ में जरूरी निर्णय लेंगे. इससे पहले विभागीय अफसर एवं कंपनी के बीच एक दौर की बात हो चुकी है. आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह कंपनी पूरी तरह कैंपस सेलेक्शन की दिशा में काम करेगी. इसके लिए बिहार के विश्वविद्यालयों से जुड़े सभी विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग के एक खास पोर्टल पर आवेदन करना होगा. इसके बाद कंपनी विद्यार्थी की योग्यता और अपनी जरूरत के मद्देनजर उनका चयन करेगी. शिक्षा विभाग की तरफ से कैंपस सेलेक्शन के मद्देनजर यह पहला प्रयास होगा. टीसीएस एक भारतीय बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी. यह सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं और परामर्श में विशेषज्ञता रखती है. इधर , राज्य में नेशनल अप्रेसेंटिसशिप एंड ट्रेनिंग स्कीम(एनएटीएस) को प्रभावी किया जा रहा है. इस स्कीम के तहत अकादमिक संस्थान स्वयं के प्रतिष्ठान को भी एनएटीएस पोर्टल पर स्टब्लिशमेंट के तौर पर पंजीकृत कर सकते हैं. इसके जरिये वह स्नातकों को भी ट्रेनिंग दे सकते हैं. इसमें केंद्र सरकार अपना वित्तीय योगदान वहन करेगी. खास बात यह होगी कि इस योजना में शिक्षण संस्थानों के स्नातक छात्रों को नौ हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से अप्रेसेंटिसशिप के लिए राशि दी जायेगी. उन्हें यह प्रशिक्षण राज्य सरकार के किसी भी सरकारी विभागों / निगमों / समितियों / अर्धसरकारी तथा गैरसरकारी संस्थानों ,निगमों तथा को-ऑपरेटिव संस्थाओं तथा राज्य के निजी प्रतिष्ठानों में नियति अवधि के लिए प्रशिक्षु के तौर पर प्रशिक्षण दिया जायेगा.

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