Bihar News: नये सत्र में अभिभावकों की जेब पर बढ़ा भार, कॉपी-किताबों की कीमत 15 फीसदी तक बढ़ी
Bihar News: ऑल इंडिया स्कूल अभिभावक संघ के अध्यक्ष राकेश रॉय कहते हैं कि अभिभावकों को हर साल नये सत्र में रेफरेंस बुक खरीदवाया जाता है, जबकि एनसीइआटी की किताब से भी शिक्षक पढ़ा सकते हैं.
पटना. शहर के अधिकतर स्कूलों में नये सत्र की पढ़ाई अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू हो जायेगी, लेकिन इस बार नये सत्र में अभिभावकों की जेब पर ज्यादा असर पड़ेगा. इस बार किताब-कॉपियों के मूल्य में 10 से 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. शहर के बड़े स्कूलों की लिस्ट में शुमार होने वाले स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक की किताब-कॉपियों के सेट की कीमत 9 से 11 हजार रुपये तक है. स्कूलों की वार्षिक परीक्षा के रिजल्ट के साथ ही अभिभावकों को नये सत्र की बुकलिस्ट भी दे दी गयी है.
किताब की दुकानों में अभिभावकों की भीड़ भी जुटने लगी है
शहर के विभिन्न इलाकों में किताब की दुकानों में अभिभावकों की भीड़ भी जुटने लगी है. किताब दुकानदार राजेश ने बताया कि इस बार लगभग सभी पब्लिकेशन की किताबों की कीमत में 10 से 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. यही वजह है कि रिटेल दुकानदारों को भी किताब का रेट बढ़ाना पड़ा. अधिकतर स्कूलों ने अलग-अलग क्लास की किताबों की लिस्ट व कीमत के बारे में भी अभिभावकों को बता दिया है.
एक बुक स्टोर पर किताब खरीदने आयी अभिभावक राजेश्वरी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में किताब-कॉपी खरीदने में दो हजार रुपये अधिक खर्च हुए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल क्लास छह की किताब 6300 में मिल रही थी. इस बार 7100 रुपये लग रहे हैं. इसके अलावा कॉपी के लिए तीन हजार रुपये अलग से लग रहे हैं.
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विभिन्न पब्लिकेशन की किताबों से बढ़ता है बजट
स्कूलों में एनसीइआरटी की किताबों के बजाय प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबों को शामिल करने से अभिभावकों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं. ऑल इंडिया स्कूल अभिभावक संघ के अध्यक्ष राकेश रॉय कहते हैं कि अभिभावकों को हर साल नये सत्र में रेफरेंस बुक खरीदवाया जाता है, जबकि एनसीइआटी की किताब से भी शिक्षक पढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को भी इस बात पर जोर देना चाहिए कि स्कूलों में एनसीइआरटी की किताबों से ही पढ़ाया जाये.