बिहार के कॉलेजों में सत्र नियमित करने के लिए शिक्षा विभाग की पहल, 9 सदस्यीय समिति निकालेगी समाधान

बिहार के विश्वविद्यालय के सत्र नियमित करने के लिए छात्रों को समय पर परीक्षा फल निकालने, अंकपत्र, प्रमाण पत्र उपलब्ध करने के संदर्भ में जरूरी सुझाव भी यह समिति देगी. समिति के संयोजक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर के सिंह बनाये गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2022 3:42 AM

शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र नियमित करने और दूसरी अव्यवस्थाओं को सुधारने वन टाइम विकल्प तलाशने के लिए नौ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की है. समिति को 10 दिनों अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है. शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के आदेश पर यह कमेटी सोमवार को गठित हुई है. समिति की रिपोर्ट को लागू करने शिक्षा विभाग राजभवन जायेगा, ताकि विश्वविद्यालयों की व्यवस्थाएं सुधारी जाये.

सत्र नियमित करने के लिए जरूरी सुझाव देगी समिति

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय के सत्र नियमित करने के लिए छात्रों को समय पर परीक्षा फल निकालने, अंकपत्र, प्रमाण पत्र उपलब्ध करने के संदर्भ में जरूरी सुझाव भी यह समिति देगी. शिक्षा विभाग के आधिकारिक पत्र के मुताबिक समिति में कुलपति ,पूर्व कुलपति, विधान पार्षद , भारतीय प्रशासनिक सेवा और वित्त सेवा के पूर्व पदाधिकारी शामिल किये गये हैं.

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति होंगे समिति के संयोजक

समिति के संयोजक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर के सिंह बनाये गये हैं. समिति में बतौर सदस्य बिहार विधान परिषद के एमएलसी प्रो रामवली चंद्रवंशी, बीएनमंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ए के राय, मुंगेर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो आर के वर्मा, कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्टस एंड साइंस के सेवा निवृत प्राचार्य डॉ बवन सिंह, भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व पदाधिकारी चितरंजन सिंह, ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के ऐसोसिएट प्रोफेसर डॉ हबीबुल्लाह और बिहार वित्त सेवा व अभियांत्रिक सेवा के अवकाश प्राप्त पदाधिकारी ई विनोद कुमार शामिल किये गये हैं. उच्च शिक्षा के निदेशक अथवा उप निदेशक पद के समकक्ष अधिकारी इस समिति के सचिव होंगे.

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शिक्षा विभाग ने सत्र को लेकर व्यक्त की चिंता

शिक्षा विभाग ने सत्र नियमित न होने और परीक्षा फल जारी न करने पर गहरी आपत्ति प्रकट की है. विद्यार्थियों की निराशा को देखते हुए यह समिति गठित की है. शिक्षा विभाग ने सत्र नियमित न होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है.

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