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सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का इंतजार करते रह गये शिक्षा विभाग के अफसर

शिक्षा विभाग की तरफ से राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बुलायी गयी बैठक सोमवार को नहीं हुई.

गतिरोध : पांचवीं बार बैठक में भाग लेने कुलपति नहीं पहुंचे शिक्षा विभाग – समस्या के समाधान के लिए कुलाधिपति ने राजभवन में आज बुलायी बैठक -कुलपतियों के लगातार न आने से नाराज शिक्षा विभाग वित्तीय पाबंदियां हटाने के लिए तैयार नहीं संवाददाता,पटना शिक्षा विभाग की तरफ से राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बुलायी गयी बैठक सोमवार को नहीं हुई. बैठक में कुलपति नहीं आये. उच्च शिक्षा निदेशक ने विश्वविद्यालयों के वित्तीय प्रबंधन को लेकर आ रही दिक्कतों पर विमर्श के लिए कुलपतियों को बुलाया था. बैठक में न आने से राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच अविश्वास की खाई और गहरी हो गयी है. इधर शिक्षा विभाग की तरफ से विश्वविद्यालयों को जारी पत्रों से आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए राज्यपाल सह कुलाधिपति ने नौ अप्रैल को बैठक बुलायी है. इसमें शिक्षा विभाग और सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बुलाया गया है. बैठक राजभवन में होगी. उच्च शिक्षा निदेशालय ने सोमवार को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय , मुंगेर विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विवि , मगध विश्वविद्यालय , नालंदा खुला विश्वविद्यालय , पूर्णिया विश्वविद्यालय और मौलाना महजरूल हक अरबी-फारसी विवि के कुलपतियों को आमंत्रित किया था. इन सातों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने राजभवन को पत्र लिख कर कहा था कि उनके वेतन न मिलने से आयकर भरने में कठिनाई आ रही है. साथ ही बताया था कि बैंक खातों पर पाबंदी की वजह से विश्वविद्यालयों की परीक्षा आयोजन में असुविधा हो रही है. राजभवन ने इन दिक्कतों के समाधान के संदर्भ में शिक्षा विभाग को पत्र लिखा. शिक्षा विभाग ने इस मामले में विमर्श के लिए सीधे कुलपतियों को ही आमंत्रित कर लिया. इधर कुलपतियों ने कुलाधिपति से इस बैठक में शामिल होने के लिए मार्ग दर्शन मांगा. कुलाधिपति ने इस बैठक में शामिल होने के लिए अनुमति नहीं दी. इससे पहले 28 और 29 मार्च को मार्च को शिक्षा विभाग की तरफ से गुरुवार से होने वाली दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम सह बैठक में मेजबान शिक्षा विभाग के अफसर खुद ही नहीं पहुंचे थे. विश्वविद्यालयों की तरफ से कुलपति नहीं आये. हालांकि उसके अन्य शीर्ष अफसर बैठक में जरूर पहुंचे थे. इससे पहले 15 मार्च, नौ मार्च , तीन मार्च और 28 फरवरी को शिक्षा विभाग की तरफ से बुलायी गयी बैठकें कुलपतियों के न आने से नहीं हो सकी हैं. इसी दरम्यान दो और तीन मार्च को बुलायी गयी बैठक नहीं हो सकी थी. दरअसल राज्यपाल ने इन बैठकों में शामिल होने के लिए विशेष तकनीकी वजहों से अनुमति नहीं दी. गतिरोध सुलझाने आठ मार्च को राजभवन में हुआ था विमर्श आठ मार्च को राज्यपाल सह कुलाधिपति के समक्ष उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की मौजूदगी में हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि शिक्षा विभाग अपने 28 फरवरी के उस आदेश को तत्काल वापस लेगा, जिसमें विश्वविद्यालय पदाधिकारियों के वेतन और बैंक खातों के संचालन पर रोक लगायी गयी है. यह रोक अभी तक कायम है. राजभवन ने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव को एक जरूरी पत्र लिख रखा है.

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