बिहार के 22 जिलों में नए शिक्षा भवन का होगा निर्माण, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने प्रस्ताव को दी हरी झंडी
बिहार में बनने वाले नये शिक्षा भवन भूकंपरोधी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा से युक्त होंगे. शिक्षा भवन के नक्शा बनाने वाले आर्किटेक्ट एवम् विभागीय अभियंताओं को भी यह निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक जिलों में सभी भवनों का डिजाइन एक समान हो
शिक्षा विभाग बिहार के प्रत्येक जिले में शिक्षा भवन बनाने जा रहा है, ताकि एकीकृत व्यवस्था के तहत शिक्षा विभाग की गतिविधियों का संचालन किया जा सके. शिक्षा मंत्री ने इस योजना से संबंधित प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है. उन्होंने इसके लिए वित्तीय मंजूरी भी दी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सीतामढ़ी, लखीसराय, मधुबनी, बक्सर और औरंगाबाद जिले में शिक्षा भवन के निर्माण के लिए 23 करोड़ रुपये देने के आदेश दिये गये हैं. यहां बहुत जल्दी काम शुरू हो जायेगा.
17 जिलों में शिक्षा भवन के निर्माण के लिए खर्च होंगे 83 करोड़ रुपये
राज्य के 17 जिले, जिनमें पूर्णिया, कटिहार, नालंदा, बेगूसराय, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, रोहतास, जमुई, मुंगेर, शिवहर, बांका, पूर्वी चंपारण, शेखपुरा, नवादा, खगरिया व किशनगंज शामिल हैं, में भी शिक्षा भवन बनाने के लिए प्राक्कलन लोक वित्त समिति भेजे गये हैं. इन 17 जिलों में शिक्षा भवन के निर्माण के लिए 83 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. प्रत्येक जिले में शिक्षा विभाग के लिए डेडिकेटेड बिल्डिंग बन जाने से शिक्षा विभाग का प्रत्येक दफ्तर एक ही भवन में हो जायेंगे. इससे कार्यवाही में गति आयेगी तथा लोगों को अपने काम के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
सभी भवनों का डिजाइन एक समान होगा
नये भवन भूकंपरोधी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा से युक्त होंगे. शिक्षा भवन के नक्शा बनाने वाले आर्किटेक्ट एवम् विभागीय अभियंताओं को भी यह निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक जिलों में सभी भवनों का डिजाइन एक समान हो. इन 22 जिलों में शिक्षा भवन बनाने की जिम्मेदारी बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना लिमिटेड को दी गयी है.
शिक्षा मंत्री आज सचिवालय लौटे
शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर अस्वस्थता के बाद स्वस्थ होकर बुधवार को विकास भवन स्थित शिक्षा विभाग के कार्यालय आये. यहां उन्होंने 30 से अधिक महत्वपूर्ण संचिकाओं का निबटारा किया. उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में शिक्षा भवन बनने के पश्चात विभाग के अंदर तथा अन्य विभागों के साथ समन्वय में सुविधा होगी तथा कार्य क्षमता में भी वृद्धि होगी.