पटना : लॉकडाउन में लोगों को घरों में कैद करने और उनकी हर समय मदद करने में जुटी पुलिस को राहत भी मिली है. यह राहत इस बात की है कि लॉकडाउन में पटना में अपराध का आंकड़ा लगातार घटता चला गया. आंकड़ों में देखें तो लूट व डकैती में करीब 70 से 92 प्रतिशत कमी आयी है जबकि हत्या में 50 प्रतिशत कमी आयी. यह हत्यायें भी किसी गैंगवार में नहीं की गयी बल्कि पुरानी रंजिश में हुई है. पटना पुलिस की ओर से गुरुवार को 23 मार्च 2019 से 31 मई 2020 तक हत्या, डकैती, लूट और बालात्कार के आंकड़ा जारी किये गये, जिसमें में देखा गया कि इन सभी मामलों में पटना जिले में अपराध का ग्राफ काफी कम हुआ है.
पटना में डकैती के मामले सून्य लॉकडाउन के पहले में अपराध रोकना पुलिस के लिये चुनौती बना हुआ था. दो महीने बाद कोरोना की वजह से लॉक डाउन होने से पटना में भी खासकर डकैती के मामले 60 से 100 प्रतिशत घट गया है. पिछले साल 23 मार्च से 31 मई के बीच डकैती के 10 घटनाएं हुई है जबकि इस साल मार्च और अप्रैल में डकैती के एक मामले नहीं हुए. हालांकि एक मई से 31 मई के बीच महज दो घटनायें डकैती की हुई हैं. डकैती की घटनाओं को रोकने के लिये रात्रि पेट्रोलिंग की गश्ति बढ़ाने के साथ ही मार्निंग पुलिस, इवनिंग पुलिस का गठन हुआ, कई योजनायें बनी.
पटना के शहरी इलाकें में डकैती के एक भी मामले नहीं आये हैं.अवधि®हत्या®डकैती®लूट®बलात्कार®प्रतिशत 23 मार्च 2019 से 31 मई 2019®7® 1®7®023 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020®5®0®2®0®20 से 100 प्रतिशत की आयी कमी 1 अप्रैल 2019 से 30 अप्रैल 2019®16® 4®34® 6 1 अप्रैल 2020 से 30 अप्रैल 2020®9® 0®3®4®50 से 92 प्रतिशत की आयी कमी 1 मई 2019 से 31 मई 2019®27®5®32®8 1 मई 2020 से 31 मई 2020®16®2®3®0®40 से 90 प्रतिशत की आयी कमीक्या कहते हैं रेंज आइजी लॉकडाउन में पुलिस को अलर्ट करने के साथ ही गश्त बढ़ा दी गयी थी.
वर्तमान समय में पुलिस की सक्रियता पहले से बहुत ज्यादा है. जगह-जगह बैरिकेडिंग लगी हुई है. ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है. कोरोना काल के दौरान 10 से 12 घंटे पुलिस के जवान लगातार ड्यूटी दे रहे हैं. बाहर निकलने पर रोक लगी हुई है. इस वजह से भी क्राइम में यह गिरावट है. पुलिस सक्रियता से चोरी जैसी वारदातें भी नहीं हो रही है. यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. संजय सिंह, आइजी रेंज पटना़