पटना नगर निगम चुनाव : पार्टी और जाति से समीकरण से बाहर निकला मेयर का चुनाव

बिहार या पटना में अभी जाति जनगणना नहीं हुई हो, बावजूद इसके कायस्थ जाति के वोटों को पटना में निर्णायक माना जाता रहा है. दावा किया जाता है कि इस जाति के लगभग चार लाख वोटर हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2022 3:46 AM
an image

अनिकेत त्रिवेदी, पटना: पटना नगर निगम के मेयर पद का चुनाव अब पार्टी व जाति के समीकरण से लगभग बाहर निकल रहा है. इसके पीछे बड़ा कारण है कि शहर में आबादी के लिहाज से टॉप जातियों, मसलन कायस्थ, वैश्य, यादव आदि की उम्मीदवार रेस में आ गयी हैं. वहीं, दूसरी तरफ भले ही मेयर पद के लिए दलगत चुनाव नहीं हो रहा है, लेकिन भाजपा सहित अन्य पार्टियों के नेताओं को उम्मीदवार के लिए लॉबिंग करने में भी परेशानी हो रही है, क्योंकि उन्हीं की पार्टी के समर्थित माने जाने वाली कई उम्मीदवार एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रही हैं.

भले ही बिहार या पटना में अभी जाति जनगणना नहीं हुई हो, बावजूद इसके कायस्थ जाति के वोटों को पटना में निर्णायक माना जाता रहा है. दावा किया जाता है कि इस जाति के लगभग चार लाख वोटर हैं. दूसरे नंबर वैश्य तीन लाख, यादव 2.5 लाख से अधिक, मुस्लिम करीब 1.25 लाख, मेहता व चंद्रवंशी आदि समाज के लगभग दो लाख वोटर माने जाते हैं. वहीं, अन्य जातियों की भी अच्छी भागीदारी है.

भाजपा के लिए मुश्किल

पहली महिला मेयर रही सीता साहू को पहले से भाजपा का अप्रत्यक्ष समर्थन माना जा रहा है. लेकिन, जानकार बताते हैं कि भाजपा के लिए सीधे सीता साहू पर दांव लगाना मुश्किल हो रहा है. कायस्थ समाज से माला सिन्हा, रत्ना पुरकायस्थ व अन्य भी को भाजपा के लिए दरकिनार करना आसान नहीं है, क्योंकि कायस्थ समाज से पटना में भाजपा के दो विधायक व एक सांसद हैं. जानकार बताते हैं कि भाजपा के कई विधायक समाज के जुड़े लोगों के लिए लॉबिंग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में पटना के विधायक व सांसद पद पर समाज से जुड़े लोगों की ही दावेदारी बनी रहे.

सक्रिय नहीं है महागठबंधन

इधर, महागठबंधन की ओर से कोई नेता पटना मेयर के लिए सीधे तौर पर लॉबिंग नहीं कर रहा है. भीतरखाने की बात है कि मेयर उम्मीदवार विनीता बिट्टू सिंह को लेकर महागठबंधन से जुड़े कई पार्षद लॉबिंग कर रहे हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पूर्व पार्षद ने बताया कि कोशिश है कि राजपूत के साथ यादव वोट इनके पक्ष में आये, ताकि भाजपा उम्मीदवारों को हराया जा सके. मगर, इस बात में बड़ा पेच यह है कि रजनी देवी, सुचित्रा सिंह और पिंकी यादव आदि मेयर उम्मीदवार भी यादव समाज से हैं और मजबूत दावेदारी रखती हैं.

Also Read: पटना नगर निगम चुनाव के 10 मुद्दे : मैदान में उतरे प्रत्याशी कर रहे ढेरों वादे, पर जनता के मन में कई सवाल
जाति को काट रही जाति को

पार्टी के अलावा जातीय समीकरण भी उलझा हुआ है. वैश्य समाज से सीता साहू के अलावा सरिता नोपानी, रीता रस्तोगी, रुचि अरोड़ा सहित कई मैदान में हैं. यादव वर्ग से भी रजनी देवी, सुचित्रा सिंह, पिंकी यादव हैं. मुस्लिम समाज से महजबीं, मोसर्रत परवीन हैं. मधु मंजरी कुशवाहा से, जबकि पुष्पलता सिन्हा कुर्मी बिरादरी से हैं. इसके अलावा अन्य एक समान वर्ग के कई उम्मीदवार मैदान में हैं.

Exit mobile version