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Patna : नंदगोला घाट पर 4000 वर्गफुट क्षेत्र में बनेगा विद्युत शवदाह गृह

नंदगोला घाट पर चार हजार वर्गफुट में विद्युत शवदाहगृह बनेगा. इसमें शवदाह गृह के साथ-साथ रजिस्ट्रेशन ऑफिस, वेटिंग रूम, टॉयलेट और वाशरूम की भी सुविधा रहेगी.

अनुपम कुमार, पटना : नंदगोला घाट का विद्युत शवदाहगृह चार हजार वर्गफुट में बनेगा. इसमें शवदाह गृह के साथ-साथ रजिस्ट्रेशन ऑफिस, वेटिंग रूम, टॉयलेट और वाशरूम भी रहेंगे. साथ ही गंगा नदी के पानी में उतरने के लिए घाटनुमा सीढ़ियां भी बनेंगी. निगम बोर्ड द्वारा इसके लिए अभी 2.92 करोड़ की राशि को स्वीकृति दी गयी है. लेकिन इसकी लागत बढ़ कर तीन करोड़ से ऊपर चली जायेगी, क्योंकि नंदगोला घाट तक पहुंचने वाला रास्ता बरसात में जल बढ़ने पर पानी में डूब जाता है और आवाजाही को अबाधित रखने के लिए रैंप के निर्माण की भी जरूरत पड़ेगी, जिसका प्रावधान वर्तमान में स्वीकृत प्रोजेक्ट में नहीं है. इसके लिए अतिरिक्त राशि की व्यवस्था करनी पड़ेगी.

सिंगल यूनिट को बढ़ा कर किया जा सकेगा डबल यूनिट :

नंदगोला घाट के विद्युत शवदाह गृह में आरंभ में एक यूनिट विद्युत शवदाह मशीन होगी, जिसे बाद में जरूरत होने पर बढ़ा कर दो यूनिट भी किया जा सकेगा. वर्तमान में इसके भवन के निर्माण पर 1.09 करोड़ और शवदाह मशीन लगाने पर 1.83 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

शहर का यह छठा विद्युत शवदाह गृह होगा

नंदगोला घाट शहर का छठा विद्युत शवदाह गृह होगा. वर्तमान में शहर में चार विद्युत शवदाह गृह चल रहे हैं, जबकि एक का निर्माण जारी है. फंक्शनल विद्युत शवदाह गृह में दीघा घाट, बांसघाट, खांजेकला घाट और गुलबी घाट के विद्युत शवदाह गृह हैं, जबकि बांसघाट पर एक नये विद्युत शवदाह गृह का टेंडर हो चुका है और जल्द ही इसका निर्माण शुरू होगा.

गरीबोंं के लिए होगा बेहद उपयोगी : नंदगोला घाट विद्युत शवदाह गृह पटना सिटी क्षेत्र के गरीबों के लिए बेहद उपयोगी होगा. वार्ड 70 के पार्षद विनोद कुमार ने कहा कि पटना सिटी अंचल में कई स्लम बस्तियां हैं. यहां के लोग गरीब हैं, जिनमें से अधिकतर अपने परिजनों के दाह संस्कार के लिए महंगी लकड़ियों को खरीदने में सक्षम नहीं हैं और इसलिए विद्युत शवदाह गृह में ही अंतिम संस्कार करना चाहते हैं. लेकिन गुलबी और खांजेकला घाट विद्युत शवदाह गृह के यहां से दूर होने के कारण उनको परेशानी होती है. नंदगोला घाट पर विद्युत शवदाह गृह के निर्माण के बाद उनकी परेशानी समाप्त हो जायेगी. उन्होंने वर्तमान में हर रोज नंदगोला घाट पर दो-तीन शवदाह होने की बात कह कर एक यूनिट शवदाह मशीन लगाने को पर्याप्त बताया. लेकिन यह भी कहा कि आबादी में जिस तरह से वृद्धि हो रही है, भविष्य में एक और भी मशीन लगाने की जरूरत पड़ सकती है. इस प्रोजेक्ट को बनाते समय इसका भी ध्यान रखा गया है.

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