पटना. प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने और उसके बाद होने वाली परेशानी को दूर करने में हो रही कठिनाई के लिए बिहार की बिजली कंपनियों ने भारत सरकार की एजेंसी इइएसएल (एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लि.) व इएफडी (इलेक्ट्रिक डे फ्रांस) को जिम्मेदार ठहराया है. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने इसको लेकर इइएसएल के सीइओ को पत्र लिखा है और इससे जुड़ी परेशानियां दूर करने के लिए कदम उठाने की मांग की है.
पत्र में सीएमडी ने कहा है कि एप पर समय से बैलेंस अपडेट नहीं होना, पुन: कनेक्शन में देरी, मीटर लगने के बाद मैसेज मिलने में देरी, 30 दिन बाद भी खराब स्मार्ट मीटरों को बदला नहीं जाना सहित कई शिकायतें बड़ी संख्या में मिल रही हैं. समझौते के मुताबिक एजेंसी स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेंशन, एप पर ग्राहकों की शिकायत सुनना और उसकी मॉनीटरिंग करने का काम भी समय पर नहीं कर पा रही है.
बिजली कंपनी के मुताबिक प्रीपेड मीटर को लेकर उनका इइएसएल के साथ समझौता हुआ है, लेकिन इइएसएल ने प्रीपेड मीटर की तकनीक से संबंधित जिम्मेदारी तीसरी एजेंसी इएफडी को दी है. प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रबंधन को लेकर संचालित एप ‘ बिहार बिजली स्मार्ट मीटर एप ‘ पर भी इएफडी का ही नियंत्रण है. ऐसे में बिल जमा करने से लेकर राशि में होने वाली कटौती, भुगतान नहीं होने पर ऑनलाइन डिस्कनेक्शन व रि-कनेक्शन का जिम्मा उनका ही है.
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सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि समय पर परेशानी दूर नहीं होने से ग्राहकों में असंतोष बढ़ता है. इसे दूर करने के लिए इइएसएल को पत्र लिखा गया है. शिकायतों को अपने स्तर से दूर करने के लिए बिजली कंपनी अक्तूबर तक अपना एप लेकर आयेगी. अभी बिजली कंपनी अपने टॉल फ्री नंबरों के जरिये ग्राहकों की शिकायत लेकर उसे इएफडी को ट्रांसफर करती है, जहां पर उसका निदान किया जाता है.