आयुष चिकित्सकों से ली जा रही है इमरजेंसी ड्यूटी

राज्य के सरकारी अस्पतालों में नवनियुक्त आयुर्वेदिक, होमियोपैथी और यूनानी (आयुष) चिकित्सकों से इमरजेंसी ड्यूटी ली जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2024 1:23 AM

संवददाता,पटना

राज्य के सरकारी अस्पतालों में नवनियुक्त आयुर्वेदिक, होमियोपैथी और यूनानी (आयुष) चिकित्सकों से इमरजेंसी ड्यूटी ली जा रही है. साथ ही मारपीट और पुलिस केस में उनसे इंज्यूरी रिपोर्ट भी लिखवायी जा रही है.

आयुर्वेदिक कॉलेज, होमियोपैथी कॉलेज और यूनानी कॉलेजों में पढ़ने और प्रशिक्षण लेनेवाले चिकित्सकों को मॉडर्न मेडिसिन की जानकारी नहीं होती है. अपने प्रशिक्षण काल में आयुष कॉलेजों में इमरजेंसी ड्यूटी नहीं होती है. साथ ही आयुष कॉलेजों में पुलिस केस को लेकर इंज्यूरी रिपोर्ट भी नहीं लिखवायी जाती है. हाल ही में राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 2901 नियमित आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति की गयी है. आयुष चिकित्सकों में इसको लेकर भय व्याप्त है. वह अधिकारियों के सामने जुबान नहीं खोल पा रहे हैं. उनका कहना है कि मारपीट या दुर्घटना के बाद इमरजेंसी में मरीज आते हैं, तो उनको मॉडर्न मेडिसिन से इलाज की आवश्यकता होती है. ऐसे समय में आयुष चिकित्सकों को ड्यूटी पर तैनात करने से आये दिन परिजनों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.

स्थिति तब और खराब हो जाती है जब ड्यटी पर तैनात आयुष चिकित्सक से इंज्यूरी रिपोर्ट लिखवायी जाती है. नौकरी के भय में चिकित्सक यह जानते हुए इंज्यूरी रिपोर्ट लिखते हैं कि कोर्ट में वह इसका कानूनी पक्ष नहीं जानते हैं. आयुष चिकित्सकों की दूसरी परेशानी है कि उनकी तैनाती अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) या हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में होती है. वहां ओपीडी का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक रहता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी द्वारा जिन एपीएचसी में भवन नहीं है वहां के आयुष चिकत्सकों को पीएचसी या सीएचसी में तैनात किया जाता है. यहीं पर उन्हें इमरजेंसी ड्यूटी व इंज्यूरी रिपोर्ट लिखनी पड़ती है. पीएचसी या सीएचसी में जहां पर आयुष चिकित्सकों की अगर ओपीडी में ड्यूटी लगती है, तो वहां उनको प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की जगह काम करना पड़ता है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नाम पर पुर्जा कटता है और उनके खाते में मरीजों का इलाज चला जाता है, जबकि ओपीडी सेवा आयुष चिकित्सक देते हैं. आयुष चिकित्सकों का कहना है कि उनकी नियुक्ति के बाद अब तक सरकारी अस्पतालों में आयुष दवाओं की आपूर्ति नहीं की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version