Emergency In India 45 Anniversary : बोले रविशंकर प्रसाद, नयी पीढ़ी को आपातकाल से लेनी चाहिए सही सीख
45 years of Emergency : केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को आपातकाल की बरसी के अवसर पर कांग्रेस पर निशाना साधा है. वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश में आपातकाल के लिए कांग्रेस के ‘‘निहायत अलोकतांत्रिक'' रवैये को जिम्मेदार ठहराते हुए नयी पीढ़ी से अपील की कि वह लोकतंत्र के इस काले अध्याय से उचित सीख सीखे.
45 years of Emergency नयी दिल्ली/पटना : केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को आपातकाल की बरसी के अवसर पर कांग्रेस पर निशाना साधा है. वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश में आपातकाल के लिए कांग्रेस के ‘‘निहायत अलोकतांत्रिक” रवैये को जिम्मेदार ठहराते हुए नयी पीढ़ी से अपील की कि वह लोकतंत्र के इस काले अध्याय से उचित सीख सीखे.
आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सिलसिलेवार ट्वीट किए और कहा, ‘‘आज का दिन कांग्रेस के निहायत अलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ दी गयी कुर्बानियों को याद करने का है. यह विरासत आज भी कांग्रेस में जारी है.” रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘नयी पीढ़ियों को इससे सही सीख लेनी चाहिए.”
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने याद करते हुए कहा कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल घोषित किया तो कैसे जय प्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, चंद्रशेखर सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार देश की जनता ने 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ भारी मतदान किया और इंदिरा गांधी को हार का मुंह देखना पड़ा. इसके साथ ही पहली बार केंद्र की सत्ता में एक गैर कांग्रेसी सरकार बनी.”
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने आपातकाल के उस दौर को याद किया और बताया कि कैसे जेपी आंदोलन में एक राजनीतिक कार्यकर्ता क तौर पर उन्होंने बिहार में भागीदारी की थी और आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. गौर हो कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल का ऐलान किया गया था. आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था. उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा.