दानापुर. अंचल प्रशासन की लापरवाही के कारण हाथीखाना मोड़ से नया टोला पुल तक नाले पर से अतिक्रमणकारियों को नहीं हटाया जा सका. इस कारण नाली उड़ाही का कार्य अधर में लटका है. बताया जाता है कि 2019 में हुई बारिश से बेली रोड की कॉलोनियों समेत कई क्षेत्रों में जलजमाव हो गया था. इसके बाद राज्य सरकार व जिला प्रशासन के निर्देश पर नाले पर से अतिक्रमण हटाया गया. तत्कालीन डीसीएलआर रवि राकेश व सीओ महेंद्र प्रसाद गुप्ता ने परिषद क्षेत्र के नाले पर से अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त कराया था. इस दौरान हाथी खाना मोड़ से नया टोला पुल तक नाले पर से अतिक्रमण हटाने को नोटिस भेजा गया था. पर सीओ महेंद्र प्रसाद गुप्ता का स्थानांतरण होने के बाद मामला खटाई में पड़ गया. नोटिस देने के बाद भी आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है. इस कारण नाला उड़ाही का कार्य अधूरा पड़ा है. बताया जाता है कि हाथी खाना मोड़, सगुना गांधी मूर्ति, नया टोला व सैनिक कॉलोनी होते हुए नाला रूपसपुर नहर में मिलता है. नाले पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर पक्का व कच्चा मकान बना लिया गया है. इससे जल निकासी पूरी तरह से अवरुद्ध हो गयी है. माॅनसून से पहले नाले पर से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो बारिश से जल जमाव की समस्या हो जायेगी. परिषद प्रशासन का कहना है कि जब तक अंचल प्रशासन द्वारा नाले पर से अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, तब तक उड़ाही नहीं की जा सकती है. जबकि परिषद प्रशासन द्वारा नाला उड़ाही के लिए हर साल टेंडर किया जाता है. परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार ने बताया कि सीओ द्वारा आज तक नाले पर से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है. इस कारण नाला उड़ाही कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नया टोला में निर्माणाधीन जलमीनार तक नाला उड़ाही का कार्य किया जा चुका है.
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