Patna : राज्य के पूर्वोत्तर हिस्से में बिजली नहीं मिलने से उद्यमी परेशान : केपीएस केशरी
बीआइए ने कहा कि राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में छोटे-बड़े उद्योग के नये यूनिट लगे हैं, लेकिन बिजली और अन्य सुविधाएं नहीं मिलने से उद्यमी परेशान हैं, जबकि इन यूनिटों से हजारों लोगों को रोजगार मिला है.
संवाददाता, पटना: राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र के कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और ठाकुरगंज में पिछले कुछ सालों में छोटे-बड़े उद्योग के नये यूनिट लगे हैं, लेकिन बिजली और अन्य सुविधाएं नहीं मिलने से उद्यमी परेशान हैं, जबकि इन यूनिटों से हजारों लोगों को रोजगार मिला है. ये बातें गुरुवार को बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) के अध्यक्ष केपीएस केशरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहीं. बीआइए का एक 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पांच से सात मई तक कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज व ठाकुरगंज का दौरा कर उद्योग संवाद कार्यक्रम आयोजित किया. इसमें उद्यमियों की जो समस्याएं सामने आयीं, उपमें बिजली की ट्रिपिंग की समस्या सबसे बड़ी है. इससे कई यूनिट बंद होने की स्थिति में आ गये हैं. केशरी ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में आवश्यक आधारभूत संरचना के साथ-साथ सहयोग व मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के बजाय बियाडा कर्मियों की ओर से उन्हें तरह-तरह के नोटिस, इंस्पेक्शन, कैंसिलेशन कर परेशान किया जा रहा है. पूर्व अध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि कटिहार जूट मिल अब बंद पड़ा है. इसकी मशीनों आदि की काफी पहले नीलामी हो चुकी है. इसका रकवा लगभग 15 एकड़ है. साथ ही इसकी बगल में 35 एकड़ जमीन उपलब्ध है. इस पूरे भूखंड को इंडस्ट्रियल एरिया घोषित कर इसे उद्योग के लिए आवंटित किया जाये. पूर्णिया में इंडस्ट्रियल एरिया के कुछ हिस्से के ऊपर से 11 हजार केवीए का बिजली तार गुजरता है, जो काफी नीचे लटका हुआ है. किसी भी दिन यहां बड़ी अनहोनी घटना हो सकती है. किशनगंज जिला में लगभग 10 हजार हेक्टेयर में चाय की खेती हो रही है, जो छोटे जोत के किसानों द्वारा किया जाता है.सरकार की लैंड सिलिंग एक्ट के कारण उद्यमी बड़े भूखंड पर चाय की खेती नहीं कर पा रहे हैं. मौके पर बीआइए के उपाध्यक्ष गौरव साह, कोषाध्यक्ष मनीष कुमार, पूर्व अध्यक्ष राम लाल खेतान, मनीष तिवारी, सुनील कुमार सिंह, अरविंद सिंह, प्रो. नवल किशोर चौधरी आदि मौजूद थे.
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