कैंपस : कोविड में हटाये गये पर्यावरण से जुड़े टॉपिक सीबीएसइ पाठ्यक्रम में होंगे शामिल
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से स्कूली बच्चों को पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की जानकारी देने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम में नये टॉपिक को जोड़ा जायेगा.
संवाददाता, पटना
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से स्कूली बच्चों को पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की जानकारी देने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम में नये टॉपिक को जोड़ा जायेगा. पाठ्यक्रम में वैसे भी टॉपिक को जोड़ा जायेगा, जिन्हें कोविड महामारी के दौरान सिलेबस से हटाया गया था. इनमें जलवायु परिवर्तन, माॅनसून और ग्रीनहाउस प्रभाव जैसे विषय थे. महामारी के दौरान विद्यार्थियों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए कुछ चैप्टर को हटाया गया था. अब स्कूली पाठ्यपुस्तकों में पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के बारे में विद्यार्थियों को नयी जानकारी और इस क्षेत्र में हुए शोध से भी अवगत कराया जायेगा. सीबीएसइ के सिटी को-ऑर्डिनेटर एसी झा ने बताया कि स्कूली बच्चों में पर्यावरण से जुड़ी नयी जानकारी और इसके सरंक्षण के विभिन्न माध्यम को बताने के लिए भी पाठ्यक्रम में नये टॉपिक जोड़े जायेंगे. कक्षा छह से 10वीं के पाठ्यक्रम में कोविड के समय पर्यावरण से जुड़े जितने भी टॉपिक हटाये गये थे, उसके अलावा भी पृथ्वी विज्ञान के नवीनतम विकास को शामिल किया जायेगा.आर्कटिक व हिमालय पर हुए शोध की बारीकी भी समझेंगे बच्चे
स्कूली बच्चों को पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकास को शामिल करने के लिए एनसीइआरटी का भी सहयोग लिया जायेगा. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में इन क्षेत्रों में अनुसंधान के महत्व को समझाने के एनसीइआरटी से सहयोग मांगा है. इसके लिये एनसीइआरटी की ओर से समिति का गठन कर पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने वाले टॉपिक को फाइनल किया जायेगा. बोर्ड के सिटी को-ऑर्डिनेटर एसी झा ने बताया कि हाइस्कूल के विद्यार्थियों को आर्कटिक, अंटार्कटिका और हिमालय पर हुए अनुसंधान में भारत की प्रोग्रेस की बारीकियों को समझाया जायेगा. इसमें विद्यार्थियों को आर्कटिक और हिमालय क्षेत्र में चल रहे शोध का उल्लेख किया जायेगा. इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन, मॉनसून और ग्रीनहाउस प्रभाव आदि टॉपिक को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा.कोट : सोलर एनर्जी की उपयोगिता पर खासा जोर
विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी विज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी देने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम में विभिन्न टॉपिक को जोड़ा जायेगा. इसके लिए एनसीइआइटी की ओर से भी समिति का गठन किया जायेगा. पाठ्यक्रम में सोलर एनर्जी की उपयोगिता पर खासा जोर दिया जायेगा.–एसी झा, सिटी को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसइB
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