बिहार में 21 हजार से अधिक सिपाहियों की भर्ती को लेकर हुई परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) गुरुवार की दोपहर अचानक केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) कार्यालय पहुंच गयी. एएसपी व डीएसपी के नेतृत्व में इओयू की अलग-अलग टीम ने चयन पर्षद के पुराने व नये दोनों कार्यालयों में न सिर्फ परीक्षा से जुड़े दस्तावेजों की जांच की, बल्कि पर्षद के पदाधिकारी व कर्मियों से परीक्षा प्रक्रिया से संबंधित पूछताछ भी की. जांच अभियान देर रात तक जारी रहा.
जानिए क्या जानने पहुंची ईओयू की टीम..
पर्षद कार्यालय की जांच को लेकर इओयू ने कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त किया था. इस दौरान इओयू की टीम ने पर्षद के पदाधिकारी-कर्मियों से जानना चाहा कि परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र छपवाने से लेकर उसे बांटने की जिम्मेदारी किनके पास थी ? प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्रों पर किस माध्यम से पहुंचा ? इसकी मानीटरिंग आदि की क्या व्यवस्था थी ? इससे जुड़े दस्तावेजों को भी सुरक्षित रखा गया है.
148 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार..
मालूम हो कि सिपाही भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल एक अक्तूबर को ली गयी थी, मगर कदाचार और अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद इसे रद कर दिया गया था. इस मामले में राज्य भर में 64 कांड दर्ज करते हुए पुलिस ने 148 लोगों को गिरफ्तार किया था. इओयू ने 31 अक्तूबर 2023 को अलग से प्राथमिकी दर्ज करते हुए सभी कांडों का समेकित अनुसंधान शुरू किया था. इसमें जालसाजी के साथ आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
अबतक जांच में क्या पता चला?
इओयू के अनुसार, अब तक की जांच में पता चला है कि सिपाही भर्ती परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र और आंसर-की बाहर आ गये थे. नवादा और पटना में जो साक्ष्य मिले हैं, उसके अनुसार डेढ़ से दो घंटे पहले ही अभ्यर्थियों को आंसर-की मिल गया था. जब आंसर-की दो घंटे पहले मिला है, तो निश्चित ही प्रश्न-पत्र और पहले आ गये होंगे. यह प्रश्नपत्र सबसे पहले कहां से लीक हुआ, किसने लीक किया, इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इन सारे बिंदुओं की जांच इओयू कर रही है. एसआइटी की जांच में परीक्षा में गड़बड़ी के साथ ही वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य भी मिले हैं. इओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लन के नेतृत्व में बना विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रहा है. एडीजी नैयर हसनैन खान के स्तर से पूरे मामले की मानीटरिंग की जा रही है.
अध्यक्ष बदले गए..
मालूम हो कि केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष एवं पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को पहले ही हटाया जा चुका है. सिपाही भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी और फिर परीक्षा में हो रही देरी को देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही एसके सिंघल को पद से हटा दिया था. एक दिन पूर्व ही गृह विभाग ने सीआइडी के एडीजी रहे जितेंद्र कुमार को सिपाही भर्ती का पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया है.