बिहार: छपरा के पूर्व डीएसपी के तीन ठिकानों पर पड़ा छापा, बालू माफियाओं से सांठगांठ के आरोप में हैं सस्पेंड
बालू माफियाओं से साठगांठ के आरोपित अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ने लगी है. कुछ महीने पहले बालू के अवैध खनन और माफियाओं से मिलीभगत के आरोपित पूर्व डीएसपी पंकज रावत के तीन ठिकानों पर आज शनिवार को ईओयू ने छापेमारी की है.
बालू माफियाओं से साठगांठ के आरोपित अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ने लगी है. कुछ महीने पहले बालू के अवैध खनन और माफियाओं से मिलीभगत के आरोपित पूर्व डीएसपी पंकज रावत के तीन ठिकानों पर आज शनिवार को ईओयू ने छापेमारी की है.
आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने शनिवार को छपरा के पूर्व एसडीपीओ पंकज रावत के तीन ठिकानों पर छापा मारा. पंकज रावत के पटना के श्रीकृष्णापुरी व दानापुर के नासरीगंज और नालंदा के हिलसा स्थित उनके पैतृक आवास पर रेड मारा गया है. ईओयू ने आय से अधिक संपत्ति अर्जन करने के मामले पर ये कार्रवाई की है. बता दें कि कार्रवाई की जद में अभी तक तीन अधिकारी आ चुके हैं. जिनकी संपत्तियों को खंगाला जा चुका है.
गौरतलब है कि बालू माफियाओं से सांठगांठ के मामले में हाल में ही गृह विभाग के आदेश के तहत कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी. जिसमें आरा के तत्कालिक एसडीपीओ पंकज रावत को भी पद से हटाया गया था. बाद में उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था.
ईओयू ने राज्य में बालू के अवैध खनन में संलिप्त पुलिस, खनन, परिवहन और राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका और संलिप्तता को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी. विभाग ने बहुत ही गोपनीय तरीके से बालू के अवैध खनन और काले कारोबार में माफियाओं का साथ देने वाले सरकारी कर्मियों को चिन्हित किया था.
बता दें कि आर्थिक अपराध इकाई ने शुक्रवार को पंकज रावत के खिलाफ अपने थाने में आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर मुकदमा दर्ज किया था. जिसके बाद सर्च वारंट लेकर आज शनिवार को छापेमारी की गई है. पंकज रावत को पहले ही निलंबित किया जा चुका है और अभी विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. वहीं सूत्रों की मानें तो अभी उन तमाम अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं जिन्हें बालू के अवैध धंधे में लिप्त पाया गया है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan