कैंपस : नयी शिक्षा नीति में समानता और जिम्मेदारी को किया गया है प्रोत्साहित : प्रो सरयुग यादव

पटना विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की ओर से शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विशेष अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया

By Prabhat Khabar News Desk | August 3, 2024 7:26 PM

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अंग्रेजी विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

संवाददाता, पटना

पटना विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की ओर से शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विशेष अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर एनसीइआरटी के डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन इन लैंग्वेज के प्रो सरयुग यादव ने कहा कि पिछले चार वर्षों से लगातार नयी शिक्षा नीति पर बात इसलिए हो रही है क्योंकि यह नीति हमारी शिक्षा प्रणाली का रोडमैप है और आने वाले समय में हमारे देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभायेगी. उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति के मूल में समानता और जिम्मेदारी को प्रोत्साहन दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह नीति शिक्षकों को और भी जिम्मेदार बनायेगी और उन्हें अपने मूल कर्तव्यों के प्रति और सजग करेगी. उन्होंने शोध के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लक्ष्य कर बनायी गयी है और उपनिषद के विचारों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के पंचकोश को पोषित करने की बात करती है. इनमें अन्मय कोष, प्राणमय कोष, मनोमय कोष, ज्ञानमय कोष और आनंदमय कोष को केंद्र में रखा गया है. प्रो यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जोर बहुविधीय शिक्षा पर है, जिससे अपनी संस्कृति और अपनी भाषा को लेकर गौरव पैदा हो सके. उन्होंने बहुभाषिकता के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए कहा कि अंग्रेजी के औपनिवेशिक प्रभाव से निकलते हुए उसे एक स्किल की तरह जानना चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों के भीतर भारतीय होने का गर्व भरेगी. वहीं विभागाध्यक्ष प्रो अर्जुन कुमार ने प्रो यादव का धन्यवाद करते हुए कहा कि विभाग में इस तरह के व्याख्यान से विद्यार्थियों को वर्तमान समय और चुनौतियों की जानकारी मिलती है. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी विभाग अपने विद्यार्थियों को विभिन्न विधाओं और क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बात करने और सीखने का हर मौका देने की कोशिश करता रहेगा. मौके पर विभाग के प्रो स्तुति प्रसाद, सहायक प्राध्यापक डॉ विभाष रंजन, डॉ रामहित चौपाल, अतिथि शिक्षक डॉ अंचित पांडेय, जरनीन आरजू, अभिषेक कुमार समेत बड़ी संख्या शोधार्थी मौजूद रहे.

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