गोपालगंज के सिधवलिया में इथेनॉल फैक्ट्री बनकर तैयार, प्रतिदिन 75 लीटर होगा उत्पादन, सीएम करेंगे उद्घाटन
इथेनॉल एक पर्यावरण अनुकूल ईंधन है, जो धुएं से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइडके उर्त्सजन को 35 फीसदी तक कम कर देता है. इसके इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन में भी कमी आती है.
गोपालगंज की दूसरी इथेनॉल फैक्ट्री सिधवलिया में बनकर तैयार हो गयी है. 22 दिसंबर को सीएम नीतीश कुमार इसका उद्घाटन करेंगे. जिला प्रशासन और चीनी मिल प्रबंधन की ओर से कार्यक्रम को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गयी है. मगध शुगर एनर्जी प्रा.लि. के एजीएम आशीष खन्ना ने बताया कि इथेनॉल फैक्ट्री पूरी तरह से बनकर तैयार हो गयी है. यहां से प्रतिदिन 75 हजार लीटर इथेनॉल का उत्पाद होगा. सीएम के हाथों इसका उद्घाटन किया जायेगा.
फैक्ट्री में 18 मेगावाट बिजली का भी होता है उत्पादन
एजीएम ने कहा कि इथेनॉल फैक्ट्री में सैकड़ों मजदूरों को रोजगार मिला है. उन्होंने बताया कि चीनी मिल में पहले से 18 मेगावाट बिजली तैयार होती है. शुगर मिल और बिजली उत्पादन के साथ-साथ अब यहां एक और बड़ी उपलब्ध इथेनॉल फैक्ट्री के रूप में जुड़ गयी है. वहीं, गोपालगंज में पहले से बैकुंठपुर प्रखंड के राजापट्टी में सोनासती ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड भी है, जिसमें इथेनॉल फैक्ट्री चलती है.
क्या है इथेनॉल, कहां होती है इस्तेमाल
इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल होता है, जिसे पेट्रोल के साथ एक निश्चित अनुपात में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है. इथेनॉल का मुख्य स्रोत गन्ने की फसल है. इथेनॉल एक पर्यावरण अनुकूल ईंधन है, जो धुएं से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइडके उर्त्सजन को 35 फीसदी तक कम कर देता है. इसके इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन में भी कमी आती है, इसलिए इथेनॉल को इको-फ्रेंडली या पर्यावरण अनुकूल भी कह सकते हैं.
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गन्ने से बनता है इथेनॉल
इथेनॉल का उत्पादन गन्ने से किया जाता है. चीनी मिल से निकलने वाली गन्ने की शीरे से इथेनॉल का उत्पाद किया जायेगा. यह फैक्ट्री पूरे इलाके के लिए एक नजीर बनेगी. सरकार पूरे राज्य में इथेनॉल फैक्ट्री को लगाने पर जोर दे रही है.