संवाददाता, पटना राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की देखरेख और जलापूर्ति योजना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर घर नल का जल योजना के तहत सभी नौ प्रमंडलों में सेवा वाहन की शुरुआत की गयी, जो महज अब पेट्रोल नहीं मिलने के कारण बंद हो गयी है. सरकार ने इस योजना में 2027 तक की राशि का आवंटन शुरू में ही कर दिया है, लेकिन पीएचइडी अधिकारियों की सुस्ती के कारण अब सभी गाड़ियां बंद पड़ी हैं, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. इस योजना के तहत प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों ने विभागीय मंत्री, प्रशिक्षण सह शोध केंद्र प्रांजल के उपनिदेशक से गुहार लगायी है. प्रशिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन : विभाग ने योजना को चलाने के लिए 18 ड्राइवर और तकनीशियनों को संविदा पर नियुक्ति की है. इसके लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह तकनीशियन को और 15 हजार रुपये ड्राइवर को दिया जाता है, लेकिन नवंबर 2023 से अबतक इन्हें एक रुपया वेतन के नाम पर नहीं दिया गया है. वहीं, जब वेतन देने की बात आती है, तो अधिकारी यह कहते है कि गाड़ी नहीं चला है, तो वेतन भी कट कर मिलेगा.विभाग ने हर घर नल का जल सेवा वाहन को नियमित चलाने की योजना बनायी थी. गाड़ी चलती तो इसका लाभ जलापूर्ति योजना से जुड़े लाभुकों को हर वक्त मिलता. सूत्र बताते हैं कि एक वाहन की खरीद और उसमें रखे गये उपकरणों पर लाखों का खर्च किया गया है. सात दिनों में शुरू हो जायेगी सेवा इस योजना में आवंटन चला गया है.एक सप्ताह के भीतर सभी वह सभी वाहन नियमित लोगों को सेवा देंगे,जो बंद पड़े हैं. पंकज कुमार, प्रधान सचिव, पीएचइडी .
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