संवाददाता, पटना
शहर के बिहार संग्रहालय के सभागार में रविवार को संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा द्वारा लिखित ‘बिहार के पद्मश्री कलाकार’ पुस्तक का विमोचन किया गया. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री और कला और संस्कृति विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हर व्यक्ति को ईश्वर अलग-अलग चेहरा प्रदान करते हैं. इसी तरह उनके भीतर विशेष खूबी भी देते हैं. इसमें कुछ लोग पहचान लेते हैं और कुछ लोग पहचान न पाने की वजह से निखारने के अवसर को गंवा देते हैं. भारतभूमि के अंदर कई रहस्य हैं, इससे नये युवकों को अवगत कराने की जिम्मेदारी हमारी है. उन्होंने कहा कि बिहार वह भूमि है, जिसके अंदर हर गांव की अपनी एक विशेषता है. हर क्षेत्र में अलग-अलग कला का प्रयोग दिखता है. वहीं, पहले विद्या दी जाती थी. अब शिक्षा मिल रही है, जिसके चलते यह माहौल ठहर गया. आप उभरने व अपने प्रतिभा को जगाने का प्रयास करें. कलाकारों के बारे में कहा कि संग्रहालय में यूं तो निर्जीव वस्तुएं रखी जाती हैं. लेकिन, विशेष गुण संपन्न कलाकारों को मंच प्रदान करने का अनूठा कार्य भी इस म्यूजियम में हुआ.
कलाकारों के लिए मंंच तैयार हो : कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजौत कौर ने कहा कि कलाकारों के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म बने जहां वह अपनी पेंटिंग को बेच सकेंगे. इसके लिए विभाग जरूर प्रयास करेगा कि पोर्टल शीघ्र बन सके. म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि बिहार संग्रहालय की परिकल्पना इतिहास के संग्रहालय के तौर पर की गयी थी. लेकिन, यहां लोक कला की भी एक गैलरी बनायी गयी है. हर साल तो दो-तीन करोड़ रुपये की मधुबनी पेंटिंग की बिक्री हो जाती है. अकेले बिहार म्यूजियम के बिक्री केंद्र से ही हर साल एक करोड़ रुपए की मधुबनी पेंटिंग बिक रही है.
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