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Breast Cancer: बिहार में हर साल सामने आ रहे ब्रेस्ट कैंसर के 30 हजार मामले, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

Breast Cancer: स्तन कैंसर दुनिया भर में सबसे आम कैंसर है. एक रिपोर्ट्स के अनुसार, हर साल इस कैंसर के करीब 2.3 मिलियन नये मामले सामने आते हैं. जबकि, पूरे बिहार में सालाना करीब 30 हजार महिलाएं इससे पीड़ित पायी जाती हैं. यही वजह है कि इस बीमारी से बचाव व जागरूकता के लिए हर साल अक्तूबर महीने को ‘स्तन कैंसर जागरूकता माह’ के रूप में मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर क्या है, इसके लक्षण, कारण व इससे बचाव के तरीके क्या हैं और शहर में कहां-कहां इसके इलाज की सुविधा है.

Breast Cancer: देरी से शादी, खानपान की चीजों में प्रयोग हो रहे कीटनाशक, प्रदूषण, ब्रेस्ट फ्रीडिंग नहीं कराना और बदलती जीवनशैली की वजह से कम उम्र की महिलाएं स्तन कैंसर की गिरफ्त में आ रही हैं. शहर के एम्स, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, महावीर कैंसर, एनएमसीएच और बुद्धा कैंसर सेंटर की ओपीडी में रोजाना 30-35 महिलाएं पहुंच रही हैं. इनमें 30 प्रतिशत महिलाएं 40 साल के अंदर की हैं. इस्ट ऑन्कोलॉजी ग्रुप बिहार चैप्टर के अनुसार पटना समेत पूरे बिहार में हर साल करीब 28-30 हजार महिलाएं स्तन कैंसर की चपेट में आ रही हैं.

न्यूट्रिशन युक्त भोजन की कमी प्रमुख वजह

विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की प्रमुख वजह न्यूट्रिशन युक्त भोजन की कमी है. ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर महिलाएं पोषण युक्त भोजन पर ध्यान नहीं देतीं. इसके अलावा अन हाइजीन भी ब्रेस्ट कैंसर का प्रमुख वजह है. उन्होंने बताया कि कोई भी गांठ अथवा मुंह के अंदर छाला दो हफ्ते से अधिक परेशान कर रहा है, तो इसका स्क्रीनिंग करना जरूरी है. आइजीआइएमएस में स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध है, इसके अलावा हर जिले में स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध है. शरीर में कैंसर का पता जितनी जल्दी चलेगा, उतना ही मरीज के आयु बढ़ने के चांसेस बढ़ जाते हैं.

ब्रेस्ट कैंसर को लेकर अवेयरनेस की जरूरत

ब्रेस्ट कैंसर, स्तनों की कोशिकाओं में बनने वाला एक गांठ है. स्तन कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है, लेकिन महिलाओं में यह काफी ज्यादा आम है. स्तन कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें स्तन में सेल्स नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं. इसके विभिन्न प्रकार के होते हैं. स्तन कैंसर का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि ब्रेस्ट के कौन से सेल्स कैंसर में बदल जाते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर को लेकर अवेयरनेस की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा अवेयर हो सकें.  

सेल्फ-एग्जामिनेशन से हो सकती है पहचान

डॉक्टरों का मानना है कि सेल्फ-एग्जामिनेशन, मैमोग्राम और नियमित जांच की मदद से ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचाना जा सकता है. जो इस बीमारी को जानने और इसके सही इलाज में मदद कर सकता है. अगर कोई महिला ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना कर रही हैं, तो वे खुद को मजबूत रखने की कोशिश करें और याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं. खुद पर भरोसा रखें और एक बार में एक फैसला लें, अपनी ताकत पर भरोसा रखें. हर व्यक्ति का जीवन अलग होता है, इसलिए उनकी समस्याएं भी अलग-अलग होती हैं. आप सिर्फ अपने शरीर की सुनें. जरूरत पड़ने पर दूसरों की मदद मांगें और खुद को अकेला रखने या नकारात्मक विचारों से बचाने की कोशिश करें. साथ ही डॉक्टर द्वारा दी जाने वाले सलाह को फॉलो करें.

इनकी जिंदादिली कैंसर को दे चुकी है मात

  • केस 1 : डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली सलाह को फॉलो किया
    • मुंगेर जिले की रहने वाली कविता देवी का ब्रेस्ट कैंसर का इलाज चल रहा है. कविता ने बताया कि मेरा वजन एकदम से घटने लगा, मैं थकने लगी. संदेह होने के बाद मैं मुंगेर से पटना बुद्धा कैंसर सेंटर के आंकोलॉजी सर्जन के पास गई, उन्होंने एफएनसी कराई तो पुष्टि हो गयी कि ब्रेस्ट कैंसर है. कुछ पलों के लिए पूरा परिवार सदमे में आ गया. लेकिन डॉक्टर ने हौसला दिया और कुछ जरूरी चीजें बताईं और हमारी शंका का समाधान किया तो सारा डर जाता रहा और फिर पटना में मेरा इलाज शुरू हो गया. अब मैं बिल्कुल ठीक हूं.
  • केस 2 : एक बुरा दौर था जो हंसते-हंसते बीत गया
    • बांका जिले की रहने वाली मंजू देवी ने बताया कि काफी दिन तक तो उनको पता ही नहीं चला कि उनको ब्रेस्ट कैंसर है. उन्होंने बताया कि एक दिन मुझे नहाते समय कुछ खटका. मैंने पति को बताया. जांच के बाद मुझे ब्रेस्ट कैंसर का पता चला. आर्थिक स्थिति से परेशान होने के बाद मेरे पति कैंसर केयर एंड क्योर पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट से संपर्क किए. इसके बाद मेरा नि:शुल्क इलाज किया गया. एक वह बुदा दौर था जो हंसते-हंसते बीत गया.
  • केस 3 : समय पर बीमारी की पहचान से इलाज संभव
    • पटना की संजू देवी कहती हैं, मुझे स्तन कैंसर की पुष्टि होने के बाद मेरे परिवार के लोग डर गये थे. परिवार वालों ने मुझे कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद से संपर्क किया, फिर डॉक्टर व नर्स ने मुझे जागरूक किया. डॉक्टर ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति से अब ब्रेस्ट कैंसर का इलाज और आसान हो गया है. डॉक्टर ने बता दिया था कि मेरा पूरा स्तन निकाल दिया जायेगा. कीमो के दौरान क्या-क्या लक्षण सामने आयेंगे. बालों पर सबसे पहले असर होगा. पर मैंने हौसला रखा और बीमारी से जंग जीती.
  • केस 4 : इलाज से घबराने की जरूरत नहीं है
    • भागलपुर की रहने वाली माया देवी ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद मुझे काफी डर लगा. पूरा परिवार कुछ समय के लिए तनाव में था. लेकिन मैंने उस बुरे दौर को हंसते-हंसते बिता दीजिए, स्तन कैंसर से घबराने की जरूरत नहीं, समय पर इलाज कराने से बीमारी ठीक हो जाएगी. वहीं इलाज के दौरान मुझे एक सच का अहसास हुआ कि कैंसर से डरने की जरूरत नहीं है, सही इलाज के साथ जागरूकता बहुत जरूरी है.

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यह लक्षण दिखे, तो हो जाएं सावधान

  • स्तन के आकार, आकृति में बदलाव
  • स्तन में मटर के दाने जितनी छोटी गांठ होना
  • स्तन में या उसके पास या आपके अंडरआर्म्स में गांठ होना
  • स्तन या निप्पल की त्वचा के रंग में बदलाव (गड्ढा, सिकुड़न या सूजन)
  • स्तन या निपल की त्वचा का लाल होना
  • आपकी त्वचा कठोर होना
  • निप्पल से खून या तरल पदार्थ निकलना

ऐसे करें पहचान व बचाव

  • अपने स्तन में होने वाले बदलावों जैसे रंग, आकार, आकृति आदि में बदलाव का ध्यान रखें.
  • अगर आपको किसी भी तरह का कोई बदलाव दिखायी दे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
  • अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है, तो आपको वार्षिक मैमोग्राम कराना चाहिए. मैमोग्राफी के जरिए ब्रेस्ट कैंसर का आसानी से पता किया जा सकता है.
  • ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार को डाइट में शामिल करें.
  • सेहतमंद रहने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें.
  • अपने बच्चे को स्तनपान जरूर कराएं, वजन पर कंट्रोल रखें
  • अगर आपके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास हैं, तो आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा

1. स्तनपान नहीं कराने पर बढ़ जाती है ब्रेस्ट कैंसर की संभावना

लड़कियों की अधिक उम्र में शादी से ब्रेस्ट कैंसर की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसके अलावा बच्चों को स्तनपान नहीं कराने वाली महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसे में अपने बच्चों को स्तनपान जरूर कराएं. साथ ही उम्र के हिसाब से शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंजेस को देखते हुए सही उम्र में शादी करना सबसे उपयुक्त है.

– डॉ नीलू यादव, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ.

2. महिलाएं स्वास्थ्य पर दें ध्यान, जीवनशैली में करें बदलाव

सही समय पर अगर ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी मिल जाये तो इलाज पूरी तरह से संभव है. बेहतर सर्जरी व इलाज के बाद महिलाएं कैंसर को मात दे रही हैं. वहीं ब्रेस्ट कैंसर को लेकर सभी महिलाओं को कम उम्र से ही सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है. कम उम्र में भी आप इसका शिकार हो सकती हैं. जिन महिलाओं के परिवार में पहले किसी को स्तन कैंसर हो चुका है, उनमें इसका खतरा अधिक होता है. पहले से अपनी जीवनशैली में बदलाव करके इस बीमारी से बचा जा सकता है.

– डॉ अरविंद कुमार, निदेशक बुद्धा कैंसर सेंटर.

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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