बिहार पंचायत चुनाव के लिए विशेष तरीके का EVM, विवाद को लेकर आमने-सामने हुए केंद्र और राज्य निर्वाचन आयोग, लगाये ये आरोप…
बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) को लेकर तैयारियां तेज हो गयी है. सूबे में जल्द ही गांव की सरकार चुनी जायेगी लेकिन तारीखों को लेकर अभी भी संशय बरकरार है. दरअसल मतदान के तारीखों का ऐलान अभी इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि पंचायत चुनाव में उपयोग में आने वाले EVM के मामले ही अभी नहीं सुलझे हैं. वहीं अब केंद्र और राज्य के निर्वाचन आयोग अब इस मामले से जुड़े विवाद को लेकर आमने-सामने हो गये हैं जिसके बाद हाईकोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा है.
बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) को लेकर तैयारियां तेज हो गयी है. सूबे में जल्द ही गांव की सरकार चुनी जायेगी लेकिन तारीखों को लेकर अभी भी संशय बरकरार है. दरअसल मतदान के तारीखों का ऐलान अभी इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि पंचायत चुनाव में उपयोग में आने वाले EVM के मामले ही अभी नहीं सुलझे हैं. वहीं अब केंद्र और राज्य के निर्वाचन आयोग अब इस मामले से जुड़े विवाद को लेकर आमने-सामने हो गये हैं जिसके बाद हाईकोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा है.
दरअसल पंचायत चुनाव 2021 के लिए जिन EVM की खरीदारी होनी है उनके एनओसी को लेकर विवाद चल रहा है. जिसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग आमने-सामने हो गयी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पटना हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग को आपसी सहमति से ईवीएम खरीद में एनओसी संबंधी विवाद को सुलझाने का सुझाव दिया है.
गौरतलब है कि प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में इवीएम खरीदारी के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र(NOC) नहीं मिला है. जिस मामले को लेकर बिहार के राज्य निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है. याचिका में चुनाव आयोग के उस निर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें सभी राज्यों के निर्वाचन आयोग के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वो ईवीएम/वीवीपैट की आपूर्ति और डिजाइन के पहले चुनाव आयोग की मंजूरी लेंगे.
बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम की खरीदारी होनी है. जिसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर एनओसी की मांग की थी. वहीं अभी तक एनओसी नहीं मिलने के कारण ईवीएम खरीद को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है जिसके कारण चुनाव में भी देरी हो रही है.
बता दें कि पंचायत चुनाव में एक अलग तरीके के ईवीएम का उपयोग होता है, जो विशेष तकनीक से युक्त होता है. इसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल प्रणाली कहा जाता है. इस ईवीएम को तैयार करने के लिए हैदराबाद की एक कंपनी ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है लेकिन चुनाव आयोग की अनापत्ति प्रमाण पत्र का इंतजार किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामले को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि विशेष तकनीक से लैश इन इवीएम के आपूर्ती की मंजूरी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पंचायत चुनाव में चुनाव आयोग ने दी थी, लेकिन बिहार के पंचायत चुनाव में इसके उपयोग को लेकर अभी तक कुछ फैसला नहीं ले सकी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan