संवाददाता, पटना. बीपीएससी की कई परीक्षाएं एग्जाम कैलेंडर के अनुरूप नहीं संचालित हो पा रही हैं. किसी की परीक्षा नहीं हो पा रही है, तो किसी का रिजल्ट रुका हुआ है. परीक्षाओं में देरी होने की अलग अलग वजहें हैं. एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन आने में देरी की वजह इसके लिए सभी विभागों से रिक्तियों की अधियाचना आयोग को समय से प्राप्त नहीं होना रहा. इसके कारण आयोग द्वारा पहले से घोषित 30 सितंबर की संभावित तारीख पर इस परीक्षा का संचालन नहीं किया जा सका और परीक्षा कैलेंडर में संशोधन करते हुए उसे आयोजित करने की तिथि 17 नवंबर करनी पड़ी. तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा लिए लंबा समय बीता, लेकिन अभी उसके रिजल्ट को तैयार करने की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है, क्योंकि वह विज्ञापन सरकार द्वारा घोषित 65 फीसदी आरक्षण की नयी नीति के तहत जारी की गयी थी. बाद में पटना हाइकोर्ट द्वारा उसे निरस्त करने के बाद सरकार ने 50 फीसदी की पुरानी नीति के आधार पर ही आरक्षण रोस्टर बनाने का फैसला किया. लेकिन अभी तक आरक्षण रोस्टर बना कर शिक्षा विभाग द्वारा बीपीएससी को नहीं भेजा गया है. इसके बिना रिजल्ट तैयार करना संभव नहीं है. लिहाजा आयोग आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस के साथ रिक्तियों के फिर से आने का इंतजार कर रहा है. चूंकि इस रिजल्ट के निकलने में देरी हो रही है और इसके जारी होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों द्वारा योगदान नहीं देने से रिक्त वैकेंसी को जोड़ने के बाद ही चौथे चरण की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया टीआरइ-4 की रिक्तियों की सूची तय होगी. लिहाजा टीआरइ-4 के आयोजन में भी टीइारई-3 के रिजल्ट में देरी होने से देर हाेगी. 65 की जगह 50 फीसदी आरक्षण नीति अपनाने के कारण प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट भी नहीं तैयार हो पा रहा है, क्योंकि उनका आरक्षण श्रेणीवार नियुक्ति भी अब नये सिरे से निर्धारित होगी. इस वजह से कृषि सेवा परीक्षा का भी रिजल्ट निकलने के बावजूद अंतिम परिणाम की घोषणा में देरी हो रही है.
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