कमला बराज योजना का विस्तार, लिंक नहर और अप्रोच रोड भी बनेगा

मधुबनी जिले के आठ प्रखंडों में सिंचाई सुविधा के विस्तार के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग द्वारा जयनगर में कमला नदी पर पुराने वीयर के निकट अत्याधुनिक बराज का निर्माण कराया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 24, 2024 1:29 AM

मधुबनी जिले के 29,559 हेक्टेयर क्षेत्र में मिलेगी सिंचाई सुविधा, आठ प्रखंडों के किसान होंगे लाभान्वित

मिथिला के बड़े इलाके को मिलेगी कमला नदी की बाढ़ से सुरक्षा

संवाददाता,पटना

मधुबनी जिले के आठ प्रखंडों में सिंचाई सुविधा के विस्तार के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग द्वारा जयनगर में कमला नदी पर पुराने वीयर के निकट अत्याधुनिक बराज का निर्माण कराया जा रहा है. इससे मिथिला के बड़े इलाके को कमला नदी की बाढ़ से सुरक्षा करने में मदद मिलेगी. पूर्व निर्मित योजना में लिंक चैनल, एप्रोच रोड और स्क्यू ब्रिज आदि को शामिल किया गया है. इस योजना का पुनरीक्षित प्राक्कलित राशि 405.69 करोड़ रुपये से बढ़ कर 642.64 करोड़ रुपये हो गयी है. 19 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कमला बराज योजना की पुनरीक्षित प्राक्कलित राशि के लिए प्रशासनिक एवं व्यय स्वीकृति मिल गयी है.

कमला नदी को बाढ़ से सुरक्षा एवं सिंचाई सुविधा को ध्यान में रखते हुए जयनगर में वर्ष 1970 में 292.5 मीटर लंबा कमला वीयर का निर्माण कराया गया था. इसकी वितरण प्रणाली एवं अन्य कार्य 1974-75 में पूर्ण हुआ था. इस वीयर फॉलिंग शटर का प्रावधान था. बाढ़ के समय भारी मात्रा में शिल्ट जमा होने से फॉलिंग शटर जाम हो जाता था. इससे सिंचाई योजना के लिए पर्याप्त जलस्राव नहीं मिल पाता था. कमला वीयर का रूपांकण कमला नदी के अधिकतम जलस्राव 1,40,000 क्यूसेक के आधार पर किया गया था. 13 जुलाई 2019 को कमला नदी में आयी अप्रत्याशित बाढ़ के दौरान वीयर साइट पर लगभग 2,19,769 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद जयनगर जाकर इस स्थिति की समीक्षा की थी और कमला वीयर को बराज में परिवर्तित करने के निर्देश दिये थे. कमला वियर के डाउनस्ट्रीम में लगभग 550 मीटर लंबे अत्याधुनिक बराज के निर्माण की योजना तैयार की गयी. कमला बराज का निर्माण कार्य 2021 में शुरू हुआ. कमला बराज का निर्माण पूर्ण होने पर कमला नदी के शेष जल का उपयोग सिंचाई के लिए होगा, जिससे 29,559 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी. इससे मधुबनी जिले के जयनगर, लदनियां, बासोपट्टी, हरलाखी, कलुआही, मधवापुर, बाबूबरही और खजौली (कुल 8) प्रखंडों के किसान लाभान्वित होंगे. साथ ही मिथिला को कमला नदी की बाढ़ से दीर्घकालिक सुरक्षा मिलेगी.

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