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शराब चेकिंग के लिए मोहनिया समेकित चेकपोस्ट पर लगेगा एक्सप्रेस वे स्कैनिंग मशीन, तस्करी पर लगेगी लगाम

बिहार में पिछले पांच सालों से शराबबंदी कानून लागू है. बावजूद इसके शराब पिलाई और बेची जा रही है. विदेशी शराब बिहार के सीमावर्ती राज्यों के जरिये बिहार में लायी ला रही है.

मोहनिया शहर. एक तरफ जहां बिहार सरकार बिहार से लगती सीमाओं पर यात्री वाहन, मालवाहन आदि वाहनों से होनेवाले शराब की ढुलाई पर रोक लगाने के लिये अभियान चला ही रही है. अब भारी वाहनों की तलाशी के लिये यूपी से लगते मोहनिया समेकित चेकपोस्ट पर 20 करोड़ की लागत से एक्सप्रेस वे स्कैनिंग मशीन लगायी जायेगी. इसकी तैयारी जारी है. स्कैनिंग मशीन के लग जाने से यूपी की तरफ से आनेवाले भारी वाहनों की तलाशी भी अब आसान हो जायेगी और इससे काफी हद तक शराब पर लगाम लगाया जा सकेगा.

शराब के विरुद्ध यूपी एवं अन्य प्रदेश से आने वाले सभी मालवाहक वाहनों की स्कैनिंग आसानी से हो जायेगी और मालवाहक के अंदर सामान में छुपा कर रखा गया शराब की जानकारी आसानी से मिल सकेगी. इसको लेकर बहुत जल्द चेकपोस्ट के एक लेन में 20 करोड़ की लागत से स्कैनिंग मशीन लगाया जायेगा. गौरतलब है कि बिहार में पिछले पांच सालों से शराबबंदी कानून लागू है. बावजूद इसके शराब पिलाई और बेची जा रही है. विदेशी शराब बिहार के सीमावर्ती राज्यों के जरिये बिहार में लायी ला रही है. जिसका नतीजा है कि बिहार में शराबबंदी फेल साबित हो रही है. इसको लेकर उत्पाद विभाग द्वारा समेकित चेकपोस्ट पर स्कैन टनल लगाने जा रही है. ताकि बिहार वाहनों की स्कैनिंग आसानी से हो सके.

मशीन के इंस्टॉलेंशन में दो करोड़ रुपये की आयेगी लागत

बताया जाता है कि समेकित चेकपोस्ट पर लगनेवाले 20 करोड़ की लागत से स्कैनिंग मशीन में इंस्टॉलेशन के दौरान दो करोड़ रुपये से अधिक की लागत आयेगी. स्कैनर्स बिहार के इंट्री प्वाइंट कैमूर जिले में समेकित चेकपोस्ट पर होगा. इसका आकार बड़ा होगा और ऐसी जगह लगेंगे. जहां से काफी संख्या में गाड़ियों स्कैनिंग की जा सकेगी. स्कैनिंग सिस्टम उसी तरह काम करेगा जैसे हवाई अड्डों वगैरह पर बॉडी स्कैनर लगाये जाते हैं. मगर इसका आकार बड़ा होगा. ताकि स्कैनिंग के बड़े एरिया को कवर कर सकेंगे. इसके स्कैन की क्षमता भी ज्यादा होगी. जो एक साथ गुजरने वाले भारी वाहनों और उसके अंदर रखे सामानों को स्कैन कर सकेगा.

कैसे कार्य करेगा स्कैनर टनल

मोहनिया समेकित चेकपोस्ट पर लगने वाले स्कैनर टनल बड़ा होगा. जिस तरह मेट्रो स्टेशन में स्कैनिंग मशीन से बॉडी स्कैन की जाती ये स्कैनिंग भी वैसा ही होगा. जिससे गुजरने के दौरान सभी मालवाहक के अंदर लोड समान का स्कैनिंग हो जायेगा. केवल यह बड़ा स्कैनिंग सिस्टम होगा. जिससे मालवाहक वाहन को गुजरते ही वाहन की पूरी स्कैनिंग हो जायेगी कि आखिर वाहन के अंदर क्या क्या समान लोड किया गया है. जिसका इमेजिंग विशेषज्ञों की एक टीम मॉनीटर कर स्कैन का आकलन करती रहेगी. इसमें लगे एक मास स्कैनर लगा होगा. जो प्लास्टिक धातु, तरल पदार्थ आदि को पहचान कर सकता है. ताकि मालवाहक वाहनों के अंदर किसी समान में छिपा कर ले जाये जा रहे शराब को स्कैनिंग कर पहचान किया जा सके और आसानी से पकड़ा जाये.

पांच जिलों में कैमूर जिला शामिल

बताया जाता है कि उक्त मशीन लगाने के लिये फिलहाल पांच जिला को चयन किया गया है. जिसमें डॉभी, रजौली, दालकोला, गोपालगंज, कैमूर जिलों में एक-एक स्थानों का चयन किया गया है. हर एक ट्रक स्कैनिंग चैनल को स्थापित करने पर 20 करोड़ का खर्च आयेगा यानी पांच टनल को स्थापित करने पर 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. दूसरे राज्यों से माल लेकर आ रहे ट्रकों को इन टनल से गुजारा जायेगा. इनके गुजरते ही ट्रक पर लदे सभी माल का फोटो वहां के मॉनीटर पर आ जायेगा. इसके उत्पाद विभाग के अधिकारियों के लिए शराब की खेप पकड़ना आसान हो जायेगा.

क्या कहते हैं उत्पाद अधीक्षक

इस संबंध में उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा सरकार को समेकित चेकपोस्ट पर स्कैनर टनल लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. जिसका लागत करीब 20 करोड़ आयेगा. यह काफी महंगी मशीन है. स्कैनिंग मशीन लगने के बाद यूपी से आने वाले सभी मालवाहक वाहनों का स्कैनिंग होगा. ताकि किस तरह का सामान अंदर लोड है जिससे चेकपोस्ट पर जांच में काफी सहायता मिलेगी एवं शराब तस्करी पर भी लगाम लगेगी.

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