पटना. बिहार के विभिन्न जिलों में आंखों का वायरल इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. खासकर बच्चों में यह वायरस तेजी से फैल रहा है. राज्य के विभिन्न पीएचसी में लगातार वायरल इंफेक्शन के मरीज आ रहे हैं. उनका इलाज किया जा रहा है. बीमार बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है. वैसे डॉक्टरों को कहना है कि आई फ्लू एडिनो वायरस है, जो एक वायरल डिजिज है. स्वास्थ्य विभाग के पास इसके लिए आइ ड्रॉप है, जिसे डालने से दो से तीन दिनों में ठीक हो जाता है. गोपालगंज समेत कुछ जिलों में इसको लेकर मेडिकल टीम का गठन कर लिया गया है.
नये इलाकों में फैल रहा आई फ्लू
गोपालगंज से मिली जानकारी के अनुसार गंडक नदी से सटे नये इलाकों में आइ फ्लू ने तेजी से पांव फैलाना शुरू कर दिया है. एक से दूसरे बच्चों में यह वायरस तेजी से फैल रहा है. सदर प्रखंड के पुरैना, बगहा, विशुनपुर, बरइपट्टी में ज्यादातर बच्चे आई फ्लू के शिकार हैं. बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ ”प्रभात खबर” में आइ फ्लू की खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने जांच के लिए मेडिकल टीम बनायी है. सदर प्रखंड के चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी के नेतृत्व में आइ स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम बनायी जा रही है, जो गांव में जाकर बीमार बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करेगी. बुधवार को मेडिकल टीम पुरैना में जांच के लिए जायेगी.
मधुबनी में दो दर्जन बच्चे पहुंचे पीएचसी मधुबनी
इधर, मधुबनी के स्थानीय प्रखंड अंतर्गत खोताहवा पंचायत देवीपुर क्षेत्र में आंखों का वायरल इंफेक्शन बढ़ गया है. पीएचसी में लगातार वायरल इंफेक्शन के मरीज आ रहे हैं. उनका इलाज किया जा रहा है. मंगलवार को पीडी चिल्ड्रन स्कूल देवीपुर के करीब दो दर्जन बच्चे मधुबनी पीएचसी पहुंचे. सभी के आंखों में जलन, कीचड़, दर्द था. सभी का इलाज पीएचसी में किया गया. इसी प्रकार प्रत्येक दिन आंखों के वायरल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
लगातार बढ़ रही है मरीजों की संख्या
प्रभारी पीएचसी पदाधिकारी डॉ. आनंद कुमार ने बताया कि आंखों के इंफेक्शन को कंजंटीविटीज (जनरली वायरल इंफेक्शन) कहते है. उन्होंने बताया कि वायरल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. मंगलवार को करीब दो दर्जन से अधिक बच्चे आंखों के इलाज कराने पीएचसी में पहुंचे हैं. सभी को दवा एवं ड्राफ दिया गया. वही आशा दीदी को बोला गया है कि कार्य क्षेत्र में निगरानी रखे. किसी प्रकार की कोई परेशानी होती हैं तो तुरंत हॉस्पिटल को सूचित करें. ताकि समय से लोगों का इलाज हो सके.
कैमूर में आइ फ्लू के दर्जनों मरीज आ रहे पीएचसी
कैमूर जिले के रामपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी में क्षेत्र के डायरिया व आइ फ्लू के दर्जनों मरीज इन दिनों इलाज कराने पहुंच रहे हैं. क्षेत्र में डायरिया व आइ फ्लू का प्रकोप बड़ गया है. मंगलवार को भी पीएचसी में डायरिया से पीड़ित बेलाव गांव के सात साल के रौशन कुमार, 21 वर्षीय जीतेश कुमार गुप्ता का इलाज किया जा रहा है. वहीं, दो चार रोज पहले भी पुनाव, रामपुर सहित लगभग दर्जनों गांव के दर्जनों डायरिया के मरीज इलाज करा चुके हैं. इसके साथ ही मंगलवार को ही की लगभग ढाई से तीन दर्जन आई फ्लू से ग्रसित मरीज पीएचसी इलाज कराने पहुंचे थे.
पीएचसी में सभी दवाएं उपलब्ध
मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर चंदन कुमार ने बताया डायरिया के लगभग पांच-सात मरीज, तो आइ फ्लू के लगभग चार से पांच दर्जन मरीज आये दिन इलाज कराने आ रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र में दोनों बीमारी चरम सीमा पर अपने पाव पसार चुकी है. बताया कि मरीजों को दवा के साथ सुरक्षित रहने व खानपान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जा रही है. साथ ही आइ फ्लू के लक्षणों के बारे में बताया कि आंख लाल होना, आंख से पानी गिरना, आंख में चुनचुनाहट होना, आंख नोचना सहित अन्य लक्षण भी हैं, अगर ऐसा किसी को महसूस हो रहा है तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श कर दवा लें. पीएचसी में सभी दवाएं उपलब्ध है.
डॉक्टरों का दावा
डॉक्टरों के मुताबिक आई फ्लू एडिनोवायरस है, जो एक वायरल डिजिज है. स्वास्थ्य विभाग के पास इसके लिए आइ ड्रॉप है, जिसे डालने से दो से तीन दिनों में ठीक हो जाता है. सिविल सर्जन ने बताया कि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. संक्रमित व्यक्ति की ओर देखने से यह नहीं फैलता है. आंख लाल रहना, आंखों में सूजन, पानी आना व कान के पास दर्द रहना इसके प्रमुख लक्षण हैं. कभी हल्का बुखार भी आ सकता है. इसलिए घबराने के बात नहीं है, लेकिन स्थिति गंभीर है तो अपने स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें. सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आइ ड्रॉप उपलब्ध है.
आइ फ्लू के लक्षण
शहर के प्रमुख आइ सर्जन डॉ विशाल कुमार ने बताया कि आंखों में पानी आना, आंखों का लाल होना, फोटोफोबिया, आंख की परत में रक्तस्राव इसके अहम लक्षण हैं. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आंखों को कम से कम छूना चाहिए. मोबाइल और टीवी नहीं देखना चाहिए.
इन बातों पर रखें विशेष ध्यान
-
-बाहर से आने के बाद साबुन से ठीक तरह से हाथ धोएं
-
-अगर कोई बीमार है तो उसके संपर्क में न आएं.
-
-आंखों को बार-बार न छुएं, नाक और मुंह को छूने से बचें.
-
-अपने आसपास सफाई रखें, भीड़ वाली जगहों से बचें.
-
-अपनी आंखों पर समय-समय पर ताजा पानी का छींटा मारें.
-
-अगर बाहर जाना ज्यादा जरूरी है तो काला चश्मा पहन कर जाएं.
-
-संक्रमित व्यक्त के बेड, तौलिया या कपड़े इस्तेमाल न करें
-
-संक्रमण ठीक होने तक टीवी-मोबाइल से दूरी बनाए रखें.