Patna : पैसा लूट कर मामा-भांजे से ट्रेन से फेंकने वाला फर्जी आरपीएफ जवान गिरफ्तार

लूटपाट के बाद ट्रेन से यात्रियों को फेंकने के मामले में आरोपित रोहित तिवारी को रेल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके पास से चार मोबाइल, एक बिहार पुलिस लिखा हुआ पर्स और 15 हजार रुपये बरामद किये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2024 1:18 AM
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संवाददाता, पटना : मालदा टाउन-न्यू दिल्ली एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन की दिव्यांग बोगी से दो यात्रियों से लूटपाट कर उन्हें चलती ट्रेन से फेंकने के मामले में भोजपुर जिले के बरीसवन निवासी 25 वर्षीय रोहित तिवारी को रेल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके पास से चार मोबाइल, एक बिहार पुलिस लिखा हुआ पर्स और 15 हजार रुपये बरामद किये गये हैं. इस संबंध में सोमवार को रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. रेल एसपी ने बताया कि आरोपित रोहित फर्जी आरपीएफ जवान बन कर रेल यात्रियों का टिकट चेक करता है. इसके बाद लूटपाट कर ट्रेन से फेंक देता है. आरोपित की गिरफ्तारी गांधी मैदान स्थित एक बेंच पर सोयी हुई अवस्था में हुई है. बीते 19 सितंबर को अथमलगोला के मामा चंदन और नालंदा निवासी भांजा अभिषेक ट्रेन से दिल्ली जा रहे थे. जनरल टिकट लेकर वे जेनरल बोगी में सवार हो गये थे. रेल एसपी ने बताया रोहित बिहिया स्टेशन के पास ट्रेन पर चढ़ा था. इसके बाद चंदन और अभिषेक टिकट मांगा. दोनों ने जेनरल टिकट दिखाया, तो आरोपित ने कहा कि स्पेशल ट्रेन में जेनरल टिकट लेकर चढ़े हो, जुर्माना लगेगा. इसके बाद दोनों को स्टेशन पर उतार कर दिव्यांग बोगी में शिफ्ट किया, जहां पहले से ही दो यात्रियों के साथ लूटपाट और मारपीट कर उन्हें रखा हुआ था. फिर इन दोनों से पैसा लूटा, मोबाइल छीना और फिर उनके मोबाइल से यूपीआइ मनी ट्रांसफर कर नदांव हॉल्ट के पास चलती ट्रेन से फेंक दिया, जिससे दोनों घायल हो गये.

रोहित को पुलिस बनने का था शौक

रेल एसपी ने बताया कि रोहित गुजरात में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था. पुलिस बनने का शौक था. जब नहीं बना, तो सिक्योरिटी गार्ड बन कर लोगों पर धौंस जमाया. इसके बाद उसने खाकी रंग की पैंट सिलवायी, पुलिस जैसा जूता खरीदा, बिहार पुलिस लिखा हुआ पर्स लिया़ यही नहीं, मोबाइल पर आरपीएफ का लोगो वॉलपेपर सेट किया. एसपी ने बताया कि पिस्टल की कमी पूरी करने के लिए आरोपित कमर के पास मोबाइल को ही खोंस लिया, जिससे लोगों को लगता था कि वह पिस्टल लगाये हुए है. इसके बाद रोहित ने रेलयात्रियों से लूटपाट शुरू कर दी.

यूपीआइ से पैसा ट्रांसफर कराने से मिला सुराग

रोहित वेब सीरीज देख कर उसने पुलिस को चकमा देने की कोशिश की. चोरी के मोबाइल पर यात्री से यूपीआइ पैसा ट्रांसफर करवाया था. यही नहीं, पैसा होल्ड न हो जाये, इसके लिए वह तुरंत खरीदारी कर लेता था. यही मोबाइल व यूपीआइ नंबर पुलिस के लिए मददगार साबित हुई. शुरुआती जांच में पता चला कि मोबाइल चोरी की है और उसी में पैसा गया है. रेल एसपी ने बताया कि घटना के बाद रोहित फिर से रेलयात्री को लूटने की योजना में था. वह लगातार जगह बदल रहा था. कभी झारखंड, कभी बनारस, तो कभी छपरा स्टेशन के पास दिखाई देता था. रेल पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान के तहत सीसीटीवी फुटेज और आरोपित की तस्वीर पूमरे में भेज दी. इसके बाद जब पुलिस एक तरफ छापेमारी कर रही थी, तो दूसरी ओर आरोपित पटना जंक्शन से उतर गांधी मैदान के पास जाता दिखा, जहां छापेमारी कर उसे बेंच पर सोयी हुई अवस्था में गिरफ्तार किया गया.

बाइक चोरी के आरोप में पहले भी जा चुका है जेल

इस घटना की जानकारी मिलते ही दानापुर रेल डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम बनायी गयी और तकनीकी अनुसंधान की मदद से आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपित रोहित कुमार भाेजपुर जिले के शाहपुर थाने से बाइक चोरी के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है.

बाइक चोरी के आरोप में पहले भी जा चुका है जेल

इस मामले के उद्भेदन में दानापुर रेल डीएसपी प्रशांत कुमार, बक्सर रेल पुलिस इंस्पेक्टर रंजीत कुमार, बक्सर रेल थानाध्यक्ष विजेंद्र कुमार, बक्सर आरपीएफ इंस्पेक्टर दीपक कुमार, दानापुर आरपीएफ इंस्पेक्टर पोखराज मीणा, पाटलिपुत्र रेल थानाध्यक्ष पंकज कुमार समेत 12 रेल पुलिसकर्मी शामिल थे. रेल एसपी ने कहा कि बेहतर कार्य के लिए इस टीम को सम्मानित किया जायेगा.

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