Bihar News: मुजफ्फरपुर में साढ़े सात लाख रुपये के जाली नोट(Fake Note) के साथ आठ तस्करों को पुलिस ने दबोचा. जिसके बाद बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड अजय महतो बताया जा रहा है. जो इस कारोबार को चलाने के लिए पुलिस को झांसा देने अपनी पत्नी और बेटों की मदद ले रहा था. आगामी बिहार पंचायत चुनाव(Bihar Panchayat Election 2021) में जाली नोटों को खपाने की बात भी सामने आयी है.
पूर्व सूचना के आधार पर रविवार को पुलिस ने मोतिहारी से मुजफ्फरपुर जाने के क्रम में एक स्कॉर्पियो गाड़ी से तस्करों को जाली नोटों के साथ रंगे हाथों दबोचा था. इस मामले में ताबड़तोड़ छापेमारी की गयी और गिरोह का खुलासा हुआ. सोमवार को सिटी एसपी राजेश कुमार ने प्रेसवार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी.
सिटी एसपी ने बताया कि अजय अपनी पत्नी व दो पुत्रों के साथ मिल कर यह धंधा करता था. अपने घर में डिजिटल फोटो कॉपी मशीन और प्रिंटर लगाकर वह यह धंधा कर रहा था. नेपाल से अच्छी क्वालिटी का बांड पेपर मंगाकर इन नकली नोटों को तैयार किया जाता था.
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एएसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि आगामी पंचायत चुनाव को लेकर भी लाखों रुपये के नकली नोट की डिमांड अजय महतो को मिली है. साथ ही शराब कारोबार में भी इसके इस्तेमाल होने के बारे में कई महत्वपूर्ण सुराग हासिल हुए हैं. जिनके बारे में जानकारी जुटायी जा रही हैं.
गायघाट थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी मुखिया प्रेम किशोर सिंह के पुत्र मंजीत कुमार सिंह बालू- सीमेंट का कारोबारी है. उसी को नकली नोट की डिलीवरी देने के लिए अजय महतो मोतिहारी से आ रहा था. मंजीत 50 हजार के असली नोट लेकर चांदनी चौक पर उनका इंतजार कर रहा था. अजय की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसको लेकर चांदनी चौक पहुंची. जहां से मंजीत को गिरफ्तार किया गया. मंजीत ने बताया कि वह बालू- सीमेंट के कारोबार में कैश पेमेंट करने के लिए नकली नोट का इस्तेमाल करता था.
अजय महतो को उसके चचेरे भाई सुभाष महतो जो सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज में रहता है. उसी ने नकली नोट स्कैन करके तैयार करना सिखाया है. वर्तमान में सुभाष से अजय का संबंध खराब चल रहा है. सुभाष हत्या के केस में हाल में ही जेल से बाहर निकला है. इसके बाद वह नकली नोट का कारोबार बंद कर दिया.
अजय महतो गिरफ्तारी के बाद रविवार देर रात तक पुलिस को गुमराह करता रहा. एएसपी पश्चिमी ने बताया कि अजय ने अपने चचेरे भाई से सुभाष से बदला लेने के लिए उसके घर पर छापेमारी करवाया. कहा कि वहां लाखों रुपये का नेपाली नोट हैं. जब पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी की तो एक काले रंग के बैग में रखा नेपाली करैंसी मिला. लेकिन, उसके अंदर सिर्फ कागज था. इस वजह से उसका जब्ती नहीं बनायी गयी. पुलिस जब सख्ती से पूछताछ की तो अजय ने खुद से ही नोट तैयार करने की बात स्वीकारी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan