फर्जी डिग्री पर नियुक्त शिक्षकों के मामले में सुनवाई पूरी, पटना हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, नहीं मिले 72,000 फोल्डर
राज्यभर में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त हुए शिक्षकों पर कार्रवाई के मामले में सुनवाई पूरी हो गई है. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.
बिहार भर में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इससे पहले कोर्ट ने राज्य निगरानी ब्यूरो को इस मामले पर दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. मुख्य न्यायाधीश के विनोद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले को लेकर रंजीत पंडित की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
अब तक नहीं मिले 72,000 शिक्षकों के फोल्डर
याचिकाकर्ता की ओर से वकील दीनू कुमार ने पटना हाई कोर्ट को बताया कि 72 हजार शिक्षकों के फोल्डर अब तक नहीं मिले हैं, जबकि यह मामला काफी दिनों से चल रहा है. इतना ही नहीं निगरानी विभाग द्वारा की जा रही जांच की गति भी काफी धीमी है. दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षक फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे हैं और वेतन भी ले रहे हैं.
शिक्षकों को इस्तीफा देने का दिया गया था मौका
वकील दीनू कुमार ने कहा कि इससे पहले कोर्ट ने 2014 के एक आदेश में कहा था कि ऐसी फर्जी डिग्रियों के आधार पर राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी शिक्षक को एक अवसर सिया जाता है. जिसके तहत शिक्षक अगर स्वयं इस्तीफा देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद कुछ शिक्षकों ने इस्तीफा भी दे दिया है. कई शिक्षकों पर कार्रवाई भी हो चुकी है. इस मामले में पटना हाईकोर्ट जल्द ही फैसला सुना सकता है.
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