पटना : कोरोना वायरस के सक्रंमण के कारण पूरी मानव जाति सकंट के दौर से गुजर रही है. देश में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. इस महामारी की गंभीरता को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना नितांत आवश्यक है. सोशल डिस्टेन्सिंग ही इसका एकमात्र प्रभावी उपाय है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए समाज के व्यापक हित में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाया गया है.
राज्य के बाहर फंसे बिहार के मजदूरों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग के जरिये सहायता राशि के रूप में मुख्यमंत्री विशेष सहायता अंतर्गत 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से राशि लोगों के खाते में अंतरित की जा रही है. साथ ही जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी जीविका समूहों के माध्यम से चिह्नित कर उनकी मदद की जायेगी. उक्त बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के नाम संदेश देते हुए कहीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी बिहारवासियों की पूरी मदद कर रही है. बिहार के बाहर दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के लिए हमलोग दूसरे राज्यों से समन्वय कर आवश्यक मदद उपलब्ध करा रहे हैं. राज्य के बाहर फंसे बिहार के मजदूरों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से सहायता राशि के रूप में मुख्यमंत्री विशेष सहायता अंतर्गत 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से राशि लोगों के खाते में अंतरित की जा रही है. अब तक 10 लाख 11 हजार लोगों के खाते में राशि अंतरित की जा चुकी है. अभी लगातार आवदेन प्राप्त हो रहे हैं, शीघ्र ही जांचोपरांत उन सभी के खातों में भी राशि अंतरित कर दी जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार फाउंडेशन के माध्यम से भी देश के नौ राज्यों के 12 शहरों में 50 से अधिक राहत केंद्र चलाये जा रहे हैं, जहां पर लोगों को भोजन तथा राशन सामग्री भी दी जा रही है. अभी तक सात लाख 66 हजार 920 लोग इसका लाभ उठा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के सभी राशनकार्ड धारियों को एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है. इसके अंतर्गत अब तक 94 लाख 85 हजार कार्डधारियों को राशि अंतरित कर दी गयी है. शेष कार्डधारियों के खाते में भी राशि शीघ्र अंतरित कर दी जायेगी.
साथ ही यह भी निर्णय किया गया है कि जिन परिवारों के पास राशनकार्ड नहीं हैं, उन्हें भी जीविका समूहों के माध्यम से चिह्नित कर उनकी मदद की जायेगी. इसके लिए जीविका द्वारा ऐसे परिवारों की पहचान का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है तथा शीघ्र ही इन परिवारों की पहचान कर उनकी भी मदद की जायेगी. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि बिहार सरकार बिहार के विभिन्न शहरों में फंसे दिहाड़ी मजदूरों, ठेला वेंडरों, रिक्शा चालकों आदि के लिए 150 आपदा राहत केंद्र चला रही है. इनमें भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं. यदि जरूरत पडी, तो इनकी संख्या भी बढ़ायी जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी लोगों को सहायता उपलब्ध कराने का पूरा प्रबंध कर रही है. मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप जहां हैं, वहीं रहें. यदि आपको कोई कष्ट या समस्या है, तो आपदा प्रबधंन विभाग के नियंत्रण कक्ष अथवा स्थानिक आयुक्त के कार्यालय, बिहार भवन नयी दिल्ली के नियंत्रण कक्ष के दूरभाष के माध्यम से सूचना दें. आपकी हर सभंव मदद की जायेगी. बिहार के बाहर फंसे लोग बिहार में रह रहे अपने निकट संबंधी एवं परिवार के सदस्यों के लिए परेशान ना हों. हम उनका भी ध्यान रख रहे हैं. वर्तमान परिस्थिति में लॉकडाउन समाज के व्यापक हित में है. आपलोग यदि सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन ठीक से करेगें, तो आप अपने आपको, अपने परिवार को एवं समाज को इस बड़ी विपत्ति से बचा पायेगें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावित जिलों में डोर-टू5डोर स्क्रीनिंग की जा रही है. आप इसमें सहयोग करें और अपनी स्क्रीनिंग कराएं. संक्रमण की थोड़ी सी भी जिन्हें आशंका हो, वे तुरंत जांच कराएं तथा अपनी ट्रैवल हिस्ट्री ना छिपाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निबटने में स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी तथा सलंग्न पदाधिकारी एवं कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. हम सबका दायित्व है कि उनके साथ विनम्रता से पेश आएं और उनके साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार ना करें.
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मेरा पुन: आप सबसे अनुरोध है कि जो जहां हैं, वहीं रहें. परेशान ना हों. चाहे राशन कार्डधारी हों, पेंशनधारी हों, किसान हों, वृद्धजन हों, दिव्यांगजन हों, चिकित्साकर्मी हों, छात्र-छात्राएं हों या दिहाड़ी मजदूर, ठेला वेंडर, रिक्शा चालक तथा अन्य जरूरतमंद व्यक्ति हों, सरकार द्वारा सभी को हरसंभव मदद की जा रही है. अन्य बीमारियों के इलाज की भी समुचित व्यवस्था की गयी है. आप सभी लोग सचेत एवं सतर्क रहेंगे, तभी स्वस्थ रहेंगे. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप सबके सहयोग से हम सब इस महामारी पर विजय प्राप्त करने में सफल होगें.